रेस्तरां में विनोद मेहरा को देख शौरी ने हीरो बना दिया वरना मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव ही बने रहते
चॉकलेटी हीरो रहे: अभिनेता विनोद मेहरा 70 और 80 के दशक में फिल्मी पर्दे के कामयाब अभिनेताओं में गिने जाते थे। पर्दे पर इनकी एक अलग ही पहचान थी। इनके अभिनय के लोग बड़ी संख्या में दीवाने थे। यह उस दशक में एक चॉकलेटी हीरो माने जाते थे। अभिनय का शौक: हालांकि विनोद को बचपन से अभिनय का शौक था। उन्होंने बाल कलाकार के रूप में फिल्म रागिनी में किशोर कुमार के बचपन का रोल उन्होंने निभाया था। इसके अलावा आई.एस. जौहर की फिल्म बेवकूफ (1960) और विजय भट्ट की फिल्म अंगुलिमाल (1960) में भी काम किया था।
फिल्मों में आने से पहले विनोद एक कंपनी में मार्केटिंग एक्सीक्यूटिव के तौर पर काम करते थे। ऐसे में एक दिन एक गेलार्ड रेस्तरां में फिल्म निर्माता शौरी की उन पर नजर पड़ी। उन्होंने विनोद को अपनी अगली फिल्म एक थी रीता में काम का ऑफर दिया। पहली बार साथ:
यह फिल्म चल पड़ी। विनोद अपनी पहली ही फिल्म में नायक के रूप में छा गए थ्ो। इस फिल्म में उनके साथ एक्ट्रेस तनूजा थीं। वहीं इनके करियर को आगे बढ़ाने में अभिनेत्री मौसमी चटर्जी का जबरदस्त हाथ है। फिल्म अनुराग में ये पहली बार साथ आए।