10 समाजवादी नेता, जिन्होंने दुनिया में छोड़ी अपनी गहरी छाप
वेनेजुएला के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हूगो चावेज़ का निधन हुए एक अर्सा बीत चुका है। उन्हें वेनेजुएला में समाजवाद की स्थापना करने वाले के तौर पर देखा जाता है।
वेनुजुएला के वर्तमान राष्ट्रपति निकोलस मदुरो, चावेज के आदर्श उत्तराधिकारी साबित हुए हैं और अपनी अमेरिका विरोधी नीतियो के लिए जाने जाते हैं।
जुआन एवो मोरालेस आईमा एक लोकप्रिय, बोलीवियाई राजनीतिज्ञ, फुटबॉलर और सामाजिक कार्यकर्ता है, जो 2006 से बोलीविया के राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत है। वे बोलीविया के पहले ऐसे लोकप्रिय नेता है जो जनता के बीच से उठ कर आये हैं और वामपंथी सोच को आगे बढ़ा रहे हैं।
फिदेल कास्त्रो
फिदेल कास्त्रो ये नाम क्यूबा का पर्यायवाची बन चुका है। क्यूबा के राजनेता और क्रान्ति के प्रमुख नेता कास्त्रो फरवरी 1959 से दिसम्बर 1976 तक क्यूबा के प्रधानमंत्री रहे और उसके बाद क्यूबा के राष्ट्रपति बने। 2008 फरवरी में उन्होने स्वेच्छा से अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। अब वे क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रथम सचिव हैं। फिदेल कास्त्रो को अमरीका विरोधी रुख़ के लिए दुनिया भर में जाना जाता है।
डिल्मा राउसेफ
ब्राजील की 36वीं राष्ट्रपति डिल्मा राउसेफ 2011 में अपने पद पर आसीन हुई। इसके बाद उन पर देश के आम बजट में अवैध रूप से गड़बड़ी करने के आरोपों के साथ महाभियोग लगा और 31 अगस्त 2011 में वे पद से हटा दी गयीं। वे ब्राजील की पहली महिला राष्ट्राध्यक्ष थीं। उनके हटने के साथ ही ब्राजील में 13 साल लंबे वामपंथी शासन का अंत हो गया।
चिली के पूर्व राष्ट्रपति साल्वाडोर एलेंडे की सरकार को 1973 में एक खूनी संघर्ष के बाद सैन्य शासक ऑगस्तो पिनोशे ने अपदस्त कर दिया था। उसके बादजनरल पिनोशे ने कहा था कि एलेंडे सरकार को गिराने के पीछे उनका लक्ष्य चिली को राजनैतिक और सामाजिक अशांति से बचाना था। साल्वाडोर क्यूबा के समाजवादी नेता कास्त्रो के रिश्तेदार भी थे।
चे ग्वेरा
अर्नेस्तो "चे" गेवारा अर्जेन्टीना के मार्क्सवादी क्रांतिकारी थे जिन्होंने क्यूबा की क्रांति में मुख्य भूमिका निभाई। उन्हें एल चे या सिर्फ चे भी कहा जाता रहा है। उन्होंने दक्षिणी अमरीका के कई राष्ट्रों में क्रांति लाकर उन्हें स्वतंत्र बनाने का प्रयास किया। चे मृत्यु के बाद भी उन्हें दुनियाभर में सांस्कृतिक विरोध एवं वामपंथी गतिविधियों का प्रतीक माना जाता है।
माओ से-तुंग या माओ ज़ेदोंग चीनी क्रान्तिकारी, राजनैतिक विचारक और कम्युनिस्ट दल के नेता थे। इन्हीं के नेतृत्व में चीन की सफल क्रान्ति हुई थी। ज़ेदोंग ने 1949 में जनवादी गणतन्त्र चीन की स्थापना से ले कर 1976 में अपनी मृत्यु तक चीन का नेतृत्व किया। मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारधारा को सैनिक रणनीति में जोड़कर ज़ेदोंग ने जिस सिद्धान्त को जन्म दिया उसे ही माओवाद के नाम से जाना जाता है।
जोसेफ वी. स्तालिन संभवत सबसे विवादास्पद समाजवादी नेता रहे हैं। बोल्शेविक क्रांति के संचालक भी एक तरह से स्तालिन ही कहे जाते हैं। उनके शासन के दौरान द्वंद्वात्मक भौतिकवाद को राष्ट्र की प्रमुख विचारधारा के रूप में प्रस्तुत किया गया। Interesting News inextlive from Interesting News Desk