आज भारतीय विधिवेत्ता अर्थशास्त्री राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक भीमराव रामजी आंबेडकर की जयंती है। बाबा साहेब के नाम से प्रसिद्ध इस नेता ने कई महत्‍वपूर्ण बातें आजाद भारत के विकास के लिए सामने रखीं। इन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और दलितों से सामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। आइये जानें बाबा साहेब के जीवन से जुड़ी कुछ बातें और उनके महत्‍वपूर्ण काम।

नंबर एक- अछूत मानी जाने वाली महार जाति के रामजी मालोजी सकपाल और श्रीमति भीमाबाई की चौदहवीं और आखिरी संतान थे भीमरॉव सकपाल। इनका बाल विवाह नौ वर्ष की रमाबाई से हुआ था।
नंबर दो- बाबा साहेब के पिता भारतीय सेना की मऊ छावनी में सेवा में थे और यहां काम करते हुये वो सूबेदार मेजर के पद तक पहुंचे थे। ये ब्रिटिश सेना में किसी भारतीय के लिए सर्वोच्च पद होता था। बाबा साहेब अपने परिवार के इकलौते बच्चे थे जिन्होंने बेसिक शिक्षा से आगे लजाकर उच्च शिक्षा प्राप्त की थी।

नंबर तीन- बाबा साहेब पहले अछूत बच्चे थे जिसने मैट्रिक की परीक्षा पास की और वो पहले भारतीय थे जिन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स से डॉक्टरेट डिग्री हासिल की। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय में भी पढ़ाई की। विदेश राजनीति शास्त्र और कानून की पढ़ाई करने वाले बाबा साहेब की पढ़ाई का खर्च बड़ौदा के महाराज ने उठाया था। उन पर विषेश स्नेह रखने वाले एक ब्राह्मण टीचर महादेव अम्बेडकर के कहने पर उन्होंने अपने नाम से सकपाल हटाकर अम्बेडकर जोड़ लिया जो उनके गांव के नाम "अंबावडे" पर आधारित था।
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नंबर चार- बाबा साहेब ने ही महिला श्रम, महिला श्रम कल्याण निधि, महिला और बाल, श्रम संरक्षण अधिनियम के लिए मातृत्व लाभ जैसे कानून बनाने की पहल की थी।

नंबर पांच- अंबेडकर की जीवनी जिसका नाम वेटिंग फॉर वीजा है कोलंबिया युनिवर्सिटी में बतौर टेक्स्ट बुक पढ़ाई गयी। इसके अलावा उन्होंने जाट पात तोड़क मण्डल के लिए तैयार की गयी अपनी अनडिलीवर्ड स्पीचेस के संकलन को ‘Annihilation of Caste’ नाम की पुस्तक के रूप में खुद प्रकाशित किया।   
नंबर छह- जब अंबेडकर वाइसरॉय के कार्यकारी परिषद के श्रमिक सदस्य थे तब उन्हीं की वजह से फैक्ट्रियों में मजदूरों के 12 से 14 घंटे काम करने के नियम को बदल कर सिर्फ 8 घंटे कर दिया गया था।
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नंबर सात- 29 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र भारत के संविधान रचना के लिए बाबा साहेब को संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। उन्होंने 1952 और 1954 में दो बार चुनाव लड़ा पर दोनों बार ही हार गए। उन्होंने महिला अधिकारों और हिन्दू कोड बिल मसौदे को रोके जाने के बाद कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। इस मसौदे में उत्तराधिकार, विवाह और अर्थव्यवस्था के कानूनों में लैंगिक समानता की बात कही गई थी।
नंबर आठ- अंबेडकर ने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी रमाबाई की मृत्यु के बाद उन्होंने एक ब्राह्मण महिला सविता से दूसरा विवाह किया था।

नंबर नौ- अम्बेडकर भारतीय संविधान की धारा 370, जिसके अनुसार जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त है के सख्त खिलाफ थे। भारत में इंप्लॉयमेंट एक्सचेंज जैसी व्यवस्था को शुरू करने के सूत्रधार भी अंबेडकर थे।
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नंबर दस- बाबा साहेब पहले सिख धर्म अपनाना चाहते थे पर अतत: वे बौद्ध धर्म के अनुयायी बने और 14 अक्टूबर 1956 में उन्होंने बौद्ध मत स्वीकार किया। लेकिन उन्होंने लोगों के कहने पर भी अपने को बोधिसत्व नहीं कहा। धर्मांतरण करने के फौरन बाद 6 दिसंबर 1956 में डायबटीज के चलते उनकी मृत्यु हो गयी।

 

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Posted By: Molly Seth