10 बातों में सबसे आगे हिंदुस्तानी!
भारत की आई इंडस्ट्री खासी विकसित है और चीन के बाद दुनिया की दूसरे नंबर की विशालतम इंडस्ट्री है। देश में इस व्यवसाय के फलने फूलने की गति को देखते हुए कहा जा सकता है कि अगले पांच सालों में भारत पहले नंबर पर आ जायेगा।
भारत की वायु सेना की बढ़ती ताकत को देखते हुए कहा जा सकता है कि ये विश्व की शक्तिशाली वायु सेना में एक है। इस समय 1820 एयरक्राफ्ट्स, 905 कॉम्बैट विमान, 595 फाइटर प्लेन्स और 310 अटैकर्स विमान के साथ देश कि वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली हवाई सेना मानी जाती है।
8- परमाणु शक्ति संपन्नता
21 न्यूक्लियर प्लांट्स और 75 से 110 परमाणु हथियारों से संपन्न भारत विश्व में परमाणु शक्ति संपन्नता के मामले में टॉप फाइव कंट्रीज में शामिल है।
7- इंटरनेट यूजर्स की ताकत
भारत विश्व में दूसरे नंबर की इंटरनेट यूजर्स की कम्युनिटी है। इस मामले में भारत के आगे केवल चीन है। इस तरह 354,000,000 के साथ भारत, ब्रिटेन, जापान और रूस जैसे देशों से बहुत आगे है और उसके इंटरनेट यूजर्स की गिनती तेजी से बढ़ रही है।
भारत के पास 1,129,900 एक्टिव सैन्य दल और 960,000 सुरक्षित सैन्य दल हैं। इस संख्या के साथ हिंदुस्तान की पैदल सेना विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्मी है।
अपने सफल मंगल यान परिक्षण के बाद भारत एशियन देशों में पहला और दुनिया में चौथा ऐसा देश बन चुका है जो मंगल अभियान करने में सफलता प्राप्त कर चुका है।
पेटेंट को लेकर कितनी भी बहस हो पर दुनिया को योग और आयुर्वेद जैसी अदभुद विद्या देने वाला भारत ही है।
परमाणु हथियार बनाने में थोरियम का का प्रयोग करने में भारत ने बहुत पहले सफलता पा ली थी। उस समय दुनिया के बाकी देश युरेनियम का विकल्प ढूंढ रहे थे तब भारत देश में भरपूर मात्रा में मौजूद थोरियम का इस्तेमाल करना शुरू कर रहा था।
भारत के पास मौजूद सैटेलाईट सिस्टम ग्राउंडवाटर मैपिंग, फसल संरक्षण और उपज का अंदाजा, मछली पकड़ने वाले इलाकों के लिए रियल टाइम समुद्री हाल, जैव विविधता के लक्षण का वर्णन, वाटरशेड डवलपमेंट प्रोजेक्ट असेसमेंट और सभी डाटा इन्फोर्मेशन इकठ्ठा करने में सर्वश्रेष्ठ योग्यता रखता है। ये सिस्टम अमेरिकी जीपीएस सिस्टम से भी बेहतर है।
भारतीय सेना विश्व की सबसे योग्य ऐसी सेना है जो हाई एलटीट्यूड वाले इलाकों में युद्ध करने में सबसे बेहतरीन मानी जाती है। भारतीय सेना ने ज्यादातर लड़ाइयां बर्फीले पहाड़ों पर 15 डिग्री सेल्सियस तापमान में लड़ी हैं। यहां तक कि कश्मीर के गुलमर्ग में मौजूद हाई एलटीट्यूड वॉरफेयर स्कूल में ट्रेनिंग लेने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों के सैनिक आते रहते हैं। Weird News inextlive from Odd News Desk