जानिए उत्तर प्रदेश विधानसभा में पास यूपीकोका की खास बातें
यूपीकोका लगाने के लिए इनकी अनुमति जरूरी
यूपीकोका लगाने के लिए कमिश्नर और आईजी स्तर के अधिकारी की संस्तुति आवश्यक होगी। इसका दुरुपयोग न हो इसलिए इसके तहत मामला डिवीजनल कमिश्नर व डीआईजी रेंज की समिति की संस्तुति के बाद ही दर्ज हो सकेगा। सरकार जब्त कर सकेगी संगठित अपराध से कमाई संपत्तिविधेयक में प्रावधान है कि जांच की अवधि के दौरान सरकार संगठित अपराध के जरिए कमाई गई संपत्ति पर कोर्ट की अनुमति से कब्जा ले सकती है। आरोप साबित होने के बाद उसे जब्त किया जा सकेगा। 180 दिन में फाइल की जा सकेगी चार्जशीटअपराधियों व राजनेताओं के गठजोड़ को तोड़ने के लिए विधेयक में चार्जशीट फाइल करने की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन करने का प्रावधान है।राज्य सरकार नए कानून के तहत मामलों की तेजी से सुनवाई के लिए स्पेशल फोर्स व यूपीकोका अदालतें बनाएगी। राज्य के गृह सचिव यूपीकोका के तहत दर्ज मामलों की खुद निगरानी करेंगे।
कड़ी सजा का प्रावधानविधेयक में न्यूनतम तीन वर्ष के कारावास से लेकर सश्रम कारावास तक का प्रावधान है। अवैध शराब के धंधे में लगे लोगों पर भी सश्रम कारावास का प्रावधान लागू होगा। इसमें 5 लाख से लेकर 25 लाख रुपए तक जुर्माने का भी प्रावधान है।