दक्षिण अफ़्रीका के हाशिम अमला जब आयरलैंड के गेंदबाज़ों की धुनाई कर रहे थे तब टीवी स्क्रीन पर उनकी बैटिंग के बजाय मेरी निगाह बार-बार उनकी लम्बी दाढ़ी पर जा रही थी.


ओवरों के बीच जब भी वो अपना हेलमेट सिर से हटाते उनकी लम्बी दाढ़ी पर नज़र ज़रूर जाती और मैं सोचता कि इतनी लम्बी दाढ़ी वाला इंसान दयालु क्यों नहीं है.बचपन में मेरे पड़ोस में एक अंकल की दाढ़ी भी ऐसी ही लम्बी थी लेकिन वो तो बहुत दयालु थे.रोज़े में क्रिकेटकुछ दिन पहले एक और दाढ़ी वाले क्रिकेटर इंग्लैंड के मोईन अली ने भी स्कॉटलैंड के गेंदबाज़ों के साथ इसी तरह का सुलूक किया था जब चौकों और छक्कों की बौछार से उन्होंने एक शानदार शतक बनाया था.अमला और मोईन दोनों पक्के मुसलमान हैं. पांचों वक़्त नमाज़ पढ़ते हैं और यहाँ तक कि रमज़ान में भी रोज़ा रख कर क्रिकेट मैच खेलते हैं.इमरान ताहिर दक्षिण अफ्रीकी टीम के गेंदजबाज़ी आक्रमण का हिस्सा हैं
ये चारों मुसलमान क्रिकेटर टीम स्पॉन्सर 'कासल बियर' का लोगो अपनी शर्ट पर नहीं लगाते हैं क्योंकि उनके धर्म में शराब हराम है.इंग्लैंड के मोईन अली जब पिछले साल भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज में नमूदार हुए तो उनकी बढ़िया बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी से अधिक चर्चा उनकी छाती तक आती दाढ़ी की हुई.


इंग्लैंड में वो वर्सेस्टरशायर काउंटी के लिए खेलते हैं जहाँ उन्हें नमाज़ पढ़ने के लिए मैनेजमेंट ने अलग से जगह दे रखी है.यूँ तो क्रिकेट में सबसे जानी मानी हस्ती 19वीं शताब्दी के डब्ल्यूजी ग्रेस की दाढ़ी काफ़ी लम्बी थी लेकिन मौजूदा दौर में लम्बी, धार्मिक दाढ़ी का सिलसिला पाकिस्तान की टीम से शुरू हुआ.'नमाज़ के लिए डांट'अफ़रीदी पाकिस्तान के हरफ़नमौला क्रिकेटर हैंएक ज़माने में सईद अनवर क्लीन शेव खिलाड़ी थे, लेकिन कहते हैं कि उनकी बेटी के देहांत के बाद वो धार्मिक हो गए.धार्मिक दाढ़ी में भी अलग-अलग स्टाइल है. आज की पाकिस्तानी टीम के सबसे जाने-माने खिलाड़ी शाहिद अफ़रीदी लम्बी दाढ़ी नहीं रखते.पाकिस्तान के सबसे सफल स्पिनर सक़लैन मुश्ताक़, पूर्व स्पिनर मुश्ताक़ अहमद, सईद अनवर और यूसुफ की दाढ़ियाँ लम्बी हैं और मूंछें साफ़ हैं.आशीष शुक्ल कहते हैं कि ये खिलाड़ी दाढ़ी से अपनी धार्मिक पहचान बनाते हैं.कुछ खिलाड़ी जैसे इंज़माम और अफ़रीदी मूंछ और दाढ़ी दोनों रखते हैं. मोईन और अमला ने कई युवा खिलाडियों को प्रेरित किया है.उनकी क्रिकेट के मैदान में कामयाबी और उनके साफ़-सुथरे निजी जीवन को देखते हुए ये अनुमान लगाया जा सकता है कि क्रिकेट और दाढ़ी का साथ आगे भी चलने वाला है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh