टोक्यो ओलंपिक में दिए जाएंगे कचरे से बने गोल्ड मेडल
टोक्यो (एपी)। एशियाई महाद्वीप में 12 साल बाद होने वाले टोक्यो ओलंपिक की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इस खेल महाकुंभ के उद्घाटन समारोह से ठीक एक साल पहले बुधवार को यहां पहली बार इसके गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल्स को सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित किया गया। इस बार के मेडल कई मायनों में खास है। सबसे बड़ी वजह इनको बनाने की प्रक्रिया है। दरअसल 2020 ओलंपिक में खिलाड़ियों को मिलने वाले मेडल्स ई-कचरे से बनाए गए हैं। जापान पिछले दो साल से ई कचरा इकठ्ठा कर रहा था। रिपोर्ट की मानें तो करीब हजारों टन कूड़ा इकठ्ठा हुआ जिसे रि-साइकल करके उससे सोना, चांदी और कांसा निकाला गया।
कचरे से निकला 32 किग्रा सोना
द वर्ज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 ओलंपिक आयोजन कमेटी ने 2017 से पुराने मोबाइल, लैपटाॅप और कंप्यूटर वगैरह ई-कचरा कलेक्ट करना शुरु कर दिया था। इन दो सालों में कुल 78,895 टन कचरा इकठ्ठा हुआ। जिसमें करीब 60 लाख तो पुराने मोबाइल फोन थे जिन्हें रि-साइकल करके 32 किग्रा गोल्ड, 3500 किग्रा चांदी और 2200 किग्रा कांसा निकल पाया। जिनसे फिर गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल बनाए गए। बताते चलें एक गोल्ड मेडल बनाने में सिर्फ 6 ग्रा सोना लगता है। दरअसल ये मेडल पूरा सिल्वर का होता है जिसे पर सोने का पानी चढ़ाया जाता। वहीं सिल्वर मेडल पूरा सिल्वर का बना होता है जबकि ब्रांज मेडल कांसे का होता है।
एक लाख करोड़ रुपये होगा आयोजन का खर्च
टोक्यो ओलंपिक का उद्घाटन समारोह 24 जुलाई 2020 को होगा। जापान ने इन खेलों की मेजबानी पर लगभग 20 अरब डॉलर (करीब 137755 करोड़ रुपये) खर्च किए हैं। हालांकि ओलंपिक आयोजन पर होने वाले खर्चो का सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है। खेलों के लिए आठ नए स्टेडियम तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें से पांच का काम समाप्त हो गया है। नेशनल स्टेडियम 125 करोड़ डॉलर (करीब 8609 करोड़ रुपये) की लागत से तैयार किया गया है, जिसे इस साल के आखिर तक खोल दिया जाएगा।टोक्यो में आइओसी के कोर्डिनेशन कमिशन के प्रमुख जॉन कोट्स ने कहा, 'उत्साह लगातार बढ़ रहा है। आप टिकटों की बिक्री में अभूतपूर्व दिलचस्पी से इसका अनुमान लगा सकते हैं।'जापानी लोगों की टिकटों की मांग आपूर्ति से 10 गुना या इससे अधिक है। विदेशों से भी टिकटों की भारी मांग है। जापान में हाल में अनाधिकृत तरीके से टिकटों की फिर से बिक्री करने पर रोक लगाने के लिए कानून बनाया गया था और तमाम खामियों के बीच इस कानून की असली परख होगी।
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टोक्यो में आखिरी बार 1964 में हुआ था ओलंपिक
टोक्यो की ओलंपिक तैयारियां आखिर चरण में प्रवेश कर गई हैं। कोट्स ने हालांकि तैयारियों की तारीफ की। उन्होंने कहा, 'हमें बहुत खुशी है कि खेलों के लिए तैयारियां सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं।' आयोजक टोक्यो की गर्मियों से निपटने के लिए भी तैयारियां कर रहे हैं। हालांकि, इस बार यहां बारिश हुई है। साथ ही यातायात और भीड़ भी एक चिंता है। आयोजन समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी ने कहा, 'इस साल टोक्यो का मौसम अच्छा रहा। यह पिछले साल की तुलना में बहुत अलग था।' मोरी ने कहा कि जापान के शासक नौरहितो ने टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक का मानद संरक्षक बनना स्वीकार कर लिया है। संभावना है कि ओलंपिक और पैरालंपिक के शुरू होने की घोषणा भी नौरहितो ही करेंगे।टोक्यो के गवर्नर युरिको कोइके से कुछ दिन पहले ओलंपिक पर किए गए अरबों के खर्चे को सही ठहराने के लिए कहा गया था। आयोजकों पर लागत में कटौती करने के लिए दबाव था और उन्होंने कहा कि मौजूदा स्टेडियमों का उपयोग करके उन्होंने अरबों डॉलर बचाए हैं। टोक्यो में आठ नए स्टेडियम तैयार किए जा रहे हैं, लेकिन वह 35 अस्थाई या पुराने स्टेडियमों का उपयोग कर रहा है।ओलंपिक समाप्त होने के बाद 25 अगस्त 2020 से पैरालंपिक शुरू होंगे। टोक्यो ने इससे पहले 1964 में ओलंपिक का आयोजन किया था, जबकि एशिया महाद्वीप में पिछली बार ओलंपिक 2008 में बीजिंग में हुए थे।