Review: टॉयलेट एक प्रेम कथा देखने के बाद पेट ही नहीं दिल भी रहेगा खुश
कहानी
मंदगांव के केशव को बरसाने की जया से प्रेम हो जाता है, उसके गांव में शौचालय को नीच समझ घर से दूर शौच को रीति के अनुसार माना जाता है, पर सतयुग की रीति कलयुग में कुरीति बन जाती है, इसका आभास पूरे गांव को तब लगता है जया इस पर आक्रोश प्रकट कर अपना ससुराल त्याग देती है, और केशव प्रण लेता है कि वो अब इस कुरीति को खत्म करेगा।
भूमि इस फ़िल्म की जान हैं, वो यशराज कास्टिंग टीम से निकली सबसे प्रतिभा शाली अभिनेत्रियों में से एक है। अक्षय ने इस फ़िल्म में एक बढ़िया और अवार्डनॉमिनेशन के लायक पेरफॉर्मन्सेस दिया है। दिव्येन्दु का ये रोल उनका अब तक का दूसरा सबसे मनोरंजक रोल है।
संगीत
मुझे कुछ खास अच्छा नहीं लगा, पगली प्यार हो जाएगा फ़िल्म में इतनी दफा इस्तेमाल हुआ है, की चिढ़ सी होने लगती है। पार्श्वसंगीत भी सो सो ही है।