आज भी गांव देहातों में ही नहीं बल्कि मुम्बई जैसे शहरों में भी एक बड़ा तबका है जो खुले में शौच करता है। इसमें महिलाओं का भी बड़ा हिस्सा है लंबे समय से अखबारों से जुड़े होने के कारण में इस बात से इत्तेफाक रखता हूँ कि खुले में शौच करने वाली महिलाओं पर कई हमले होते रहे हैं कई महिलाओं को जान से तो किसी को पुरुषों की मलिन सोच के कारण अपनी अस्मिता से हाथ धोना पड़ा है। अखबारों में ऐसी खबरें नित पढ़ने को मिल जाएंगी। ये फ़िल्म इस मुद्दे से जुड़ी कुछ सच्ची कहानियों को खंगालने का दावा करती है। कैसी है फ़िल्म आइये आपको बताते हैं।

कहानी
मंदगांव के केशव को बरसाने की जया से प्रेम हो जाता है, उसके गांव में शौचालय को नीच समझ घर से दूर शौच को रीति के अनुसार माना जाता है, पर सतयुग की रीति कलयुग में कुरीति बन जाती है, इसका आभास पूरे गांव को तब लगता है जया इस पर आक्रोश प्रकट कर अपना ससुराल त्याग देती है, और केशव प्रण लेता है कि वो अब इस कुरीति को खत्म करेगा।

 

रेटिंग : ***१/२

 

अदाकारी
भूमि इस फ़िल्म की जान हैं, वो यशराज कास्टिंग टीम से निकली सबसे प्रतिभा शाली अभिनेत्रियों में से एक है। अक्षय ने इस फ़िल्म में एक बढ़िया और अवार्डनॉमिनेशन के लायक पेरफॉर्मन्सेस दिया है। दिव्येन्दु का ये रोल उनका अब तक का दूसरा सबसे मनोरंजक रोल है।

 

 

 

संगीत
मुझे कुछ खास अच्छा नहीं लगा, पगली प्यार हो जाएगा फ़िल्म में इतनी दफा इस्तेमाल हुआ है, की चिढ़ सी होने लगती है। पार्श्वसंगीत भी सो सो ही है।

 

कुल मिलाकर ये एक अच्छी फैमिली फ़िल्म है और इसकी कहानी वो कहानी है जो सुनानी चाहिए।

 

बॉक्स ऑफिस प्रेडिक्शन : 80 से 100 करोड़

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Posted By: Chandramohan Mishra