हमारी खातिर फेसबुक, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और टि्वटर ने मिलाया हाथ, शुरू हुआ DT प्रोजेक्ट जिससे होगा ये फायदा
नई दिल्ली (आईएएनएस)। दुनिया भर के अरबों यूजर्स की जिंदगी आसान करने के लिए या कहें कि ऑनलाइन डाटा को मैनेज करने और उसे पूरी सुरक्षा के साथ ट्रांसफर करने की सुविधा देने के लिए दुनिया की 4 बड़ी टेक कंपनियों Facebook, Google, Microsoft और Twitter ने आपस में हाथ मिलाया है। डाटा ट्रांसफर प्रोजेक्ट नाम के इस ओपन सोर्स इनिशिएटिव में ये चारो कंपनियां एक साथ मिलकर काम करेंगी।
डाटा ट्रांसफर प्रोजेक्ट से क्या होगा फायदा?
इस डाटा ट्रांसफर प्रोजेक्ट में दुनिया की 4 बड़ी कंपनियां इसलिए शामिल हो रही है क्योंकि वह यूजर्स को उनके ऑनलाइन डाटा को मैनेज करने और आपस में किसी भी प्लेटफार्म पर ट्रांसफर करने के मुश्किल काम को बहुत आसान बनाने वाली है। डाटा ट्रांसफर प्रोजेक्ट के द्वारा दुनिया भर के तमाम यूज़र्स किसी एक प्लेटफार्म पर अपने अकाउंट पर मौजूद डाटा को दूसरे अकाउंट पर साइन अप के लिए फुल एंक्रिप्शन यानि सिक्योरिटी के साथ इस्तेमाल कर सकेंगे। एक सर्विस कंपनी से दूसरी सर्विस कंपनी में एक ही डाटा द्वारा साइन अप करना और डेटा ट्रांसफर करना इतना आसान कभी नहीं था जितना अब होने वाला है।
एक प्लेटफॉर्म से दूसरे पर डेटा ट्रांसफर में भी रहेगी फुल सिक्योरिटी
Facebook के प्राइवेसी एंड पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर स्टीव शैटरफील्ड ने बताया है कि डाटा ट्रांसफर प्रोजेक्ट में शामिल होने को लेकर हम बहुत ज्यादा एक्साइटेड है। इस इनिशिएटिव से वो वक्त सामने आया है, जब पूरी दुनिया में डाटा शेयरिंग सबसे बड़ी खबर बन रही है। कैंब्रिज एनालिटिका डाटा स्कैंडल से लेकर तमाम थर्ड पार्टी ऐप्स द्वारा अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर मौजूद यूजर्स के डाटा को बिना जानकारी के एक्सेस करने जैसे मामले सुर्खियों में है। इसके अलावा यूरोपियन जनरल डाटा रेगुलेशन प्रोटेक्शन (GDPR) ने भी ऑनलाइन डेटा की सुरक्षा और प्राइवेसी को बहुत अहम बना दिया है। आजकल तमाम यूज़र्स फोटो शेयरिंग एप, सोशल नेटवर्किंग ऐप्स, फिटनेस ऐप्स, चैटिंग ऐप्स आदि ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। जहां पर उनका डाटा शेयर हो रहा है ऐसे में यूजर्स के लिए खास प्राइवेसी कंट्रोल्स और सेटिंग्स की जरूरत होती है यह डाटा प्रोजेक्ट इसी की शुरुआत है।
ऑनलाइन डेटा पोर्टिबिलिटी बनेगी सबसे आसान और सुरक्षित
टेक जायंट Facebook ने डाटा ट्रांसफर प्रोजेक्ट को लेकर कहा है कि भविष्य में डेटा की पोर्टिबिलिटी को और भी ज्यादा लचीली, ओपन और एडजस्टेबल बनने की जरूरत होगी। हम उम्मीद करते हैं कि यह डाटा ट्रांसफर प्रोजेक्ट दो अलग अलग पब्लिक फेसिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के बीच एक ऐसा कनेक्शन पैदा करेगा। जिसके द्वारा यूज़र्स आसानी से एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर डाटा इंपोर्ट या एक्सपोर्ट करा सकेंगे और इसमें किसी भी तरह की डाटा की चोरी या लीकेज नहीं हो पाएगा।