'नारियल और बांस' से लापता विमान की तलाश
मलेशिया के एक ओझा (बोमोह) इब्राहिम मैट ज़िन अपने कुछ सहायकों के साथ कुआलालंपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नज़र आए.उन्होंने पत्रकारों को बताया कि उनका उद्देश्य, "बुरी आत्माओं को कमज़ोर करना है ताकि बचाव दल लापता विमान का पता लगा सकें."सोमवार को उन्होंने इसी तरह के प्रभाव का दावा करते हुए मछली के काँटे का इस्तेमाल किया. मलेशिया में झाड़ फूंक करने वाले को 'बोमोह' कहा जाता है.बोमोह शब्द को अब तक 200,000 से अधिक बार ट्वीट किया जा चुका है. अधिकांश लोगों ने इस पर शर्मिंदगी जताई है.शर्मनाक और मूर्खतापूर्णएक ट्वीट में कहा गया, "यह बेहद शर्मनाक है कि एक ही वाक्य में ' मलेशिया' और 'बोमोह' दोनों शब्दों का उपयोग किया जा रहा है.अन्य लोगों ने बीबीसी ट्रेंडिंग को जवाब दिया, "मूर्खतापूर्ण, शर्मनाक और अज्ञानता".
अभी यह बात साफ़ नहीं हो पाई है कि क्या सरकार ने ही झाड़ फूंक करने वाले सार्वजनिक रूप से सामने आने को कहा था.सोमवार को इस ओझे ने दावा किया कि उसे देश के एक वरिष्ठ नेता द्वारा बुलाया गया था. लेकिन बुधवार को उसने कहा कि यह काम वह अपनी मर्ज़ी से कर रहा है.
ट्विटर पर जारी प्रतिरोध के बावजूद पूर्व पत्रकार और मलेशियाई संस्कृति के जानकार एडिन खू कहते हैं कि इस तरह की घटनाएं आश्चर्यजनक नहीं हैं, बल्कि यह पिछले 30-40 सालों से मलेशिया की सांस्कृतिक राजनीति की समस्या रही है.'बोमोह' का सहारा