बुज़ुर्गों के लिए स्वीडन दुनिया में सबसे अच्छा देश है और अफगानिस्तान सबसे बुरा ये कहना है संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक अध्ययन का.


'द ग्लोबल एज वॉच इंडेक्स' ने दुनिया के 91 देशों में बुज़ुर्गों के जीवन की गुणवत्ता का अध्ययन किया.इस इंडेक्स में चोटी के 20 देशों में ज़्यादातर पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमरीका के हैं. इनके अलावा इन देशों में जापान, चिली और ऑस्ट्रेलिया को भी जगह मिली है.लेकिन कुछ तेज़ी से बढ़ते देशों का प्रदर्शन इस मामले में खासा ख़राब रहा है. सूची में रूस 78वें पायदान पर है तो भारत 73वें और तुर्की 70वें पायदान पर.वहीं ब्राज़ील (31) और चीन (35) को शोधकर्ताओं ने इन देशों से बेहतर माना."राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंडे से वृद्धावस्था का लगातार बाहर रहना दुनिया की तेज़ी से बुज़ुर्ग होती जनसंख्या की ज़रूरतें पूरी करने में आ रही बड़ी अड़चनों में से एक है."-सिल्विया स्टिफैनोनी, मुख्य कार्यकारी, हेल्प एज इंटरनेशनल


इस अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि दुनिया के कई देशों में उनकी बुज़ुर्ग होती जनसंख्या के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं.सेहत में अड़चनेंअध्ययन के मुताबिक साल 2050 तक बुज़ुर्गों की संख्या 15 साल से कम उम्र वालों से ज़्यादा होगी, इन में से ज़्यादातर बुज़ुर्ग विकसित देशों में होंगे.

'द ग्लोबल एज वॉच इंडेक्स' को संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या फंड और बुज़ुर्गों के लिए काम करने वाली संस्था 'हेल्प एज इंटरनेशनल' के अनुसार तैयार किया गया, इसे एक अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र विश्व वृद्ध दिवस पर जारी किया गया.शोधकर्ताओं ने 13 अलग-अलग मानकों का इस्तेमाल किया - इनमें आय, रोज़गार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण शामिल हैं - उनका कहना है पूरी दुनिया में होने वाले ये अपनी तरह का पहला अध्ययन है.शोधकर्ताओं का कहना है कि दुनिया भर के देश तेज़ी से बढ़ रही बुज़ुर्गों की संख्या से कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.हेल्प एज इंटरनेशनल की अंतरिम मुख्य कार्यकारी सिल्विया स्टिफैनोनी कहती हैं, "राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय एजेंडे से वृद्धावस्था का लगातार बाहर रहना दुनिया की तेज़ी से बुज़ुर्ग होती जनसंख्या की ज़रूरतें पूरी करने में आ रही बड़ी अड़चनों में से एक है.वो कहती हैं, "इस इंडेक्स से बुज़ुर्ग होते पुरुषों और महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता के बारे में उपयोगी जानकारी मिली है, ये नया इंडेक्स हमारा ध्यान उन जगहों की ओर केंद्रित करने में मदद कर सकता है जहां सब कुछ अच्छा चल रहा है और जहां हमें सुधार करने की ज़रूरत है."

Posted By: Subhesh Sharma