अगर आप दोपहर के 12 बजते-बजते सोचने लगते हैं कि क्‍यों ना थोड़ी देर झपकी मार ली जाए तो यकीन मानिए कहीं ना कहीं आपके सुबह उठने में कोई चूक हो रही है। आइए देखें कहीं आप ये गलतियां तो नहीं कर रहे...


बहुत जरुरी है स्मार्टफोन
इस बात में कोई शक नहीं कि स्मार्टफोन को हमेशा अपने नजदीक ही रखना चाहिए, वरना स्मार्टफोन के होने का अर्थ ही क्या होगा। लेकिन कहीं ऐसा तो नहीं कि यही स्मार्टफोन आपकी मानसिक थकान को बढ़ा रहा हो। जरा खुद से पूछिये कि कहीं आप दिनभर फोन यूज करने के बाद सोते वक्त भी उसे तकिए के नीचे रखकर तो नहीं सो रहे। अगर ऐसा है तो फिर आप जानबूझ कर खुद नुकसान पहुंचा रहे है। क्योंकि तकिए के नीचे फोन रखने की स्थिति में आप रात में जब भी वॉशरूम जाने के लिए उठते हैं तो आप उठते-उठते स्वत: ही अपडेट्स चेक करना शुरु कर देते हैं। नौकरीपेशा लोग ईमेल खंगालने लगते हैं तो टीनएजर्स में वॉट्सएप मैसेजेज चैक करने की आदत शुमार होती है। जब आप आधी रात को सभी अपडेट्स चैक करने के बाद वापस बिस्तर पर जाते हैं तब तक आपकी नींद टूट चुकी होती है। और सुबह आप थके थके सोकर उठते हैं। ऐसे में आपको अपने फोन को बेडरूम के अलावा किसी और कमरे में डाटा पैक बंद करके चार्ज करना चाहिए। सुबह को बनाएं जरा प्राकृतिक


अगर आप मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट में रहने के साथ-साथ किसी मल्टीनेशनल कंपनी में भी काम करते हैं तो आपकी जिंदगी में प्रकृति से जुड़ाव धीरे-धीरे शून्य हो जाता है। क्योंकि आप अपने घर से निकलकर ऑफिस और इसके बाद वापस घर आ जाते हैं। प्रकृति से जुड़ाव आपको जिंदगी देखने के नए नए तरीका सुझाता है। ऐसे में आप अपने घर की बालकनी में एक मनी प्लांट, गुड़हल, गेंदा, चमेली या बेला आदि का पौधा लगा सकते हैं। अब सुबह सुबह उठकर जब आप इन पौधों में से पीली-पीली पत्तियों को गमले से बाहर निकालेंगे, पूजा के लिए फूल तोड़ेंगे और पौधों को पानी देंगे तो आपका प्रकृति से जुड़ाव बना रहेगा। इन टिप्स को अपनी सुबह में शामिल करिए फिर देखिए कि आपका दिन कैसे ताजगी भरा हो जाता है।

Posted By: Prabha Punj Mishra