किसने मजबूर किया 'आत्महत्या' वाला 'ब्लू व्हेल' खेलने के लिए
लोग हैरत में हैं है कि कोई ऑनलाइन गेम किसी के दिमाग पर इस तरह कब्ज़ा कैसे कर सकता है कि ख़ुदकुशी पर मजबूर कर दे।
लेकिन इस गेम के पीछे कौन है?इस गेम के पीछे एक से अधिक लोग हैं, लेकिन फिलहाल जो गिरफ़्त में है, उसका नाम है फिलिप बुदेकिन। 21 साल का फिलिप रूस का रहने वाला है और माना जाता है कि रूस से ही इस जानलेवा खेल की शुरुआत हुई थी।गेम के एडमिन में से एक फ़िलिप को इसी साल मई में नौजवानों को ख़ुदकुशी के लिए उकसाने का दोषी पाया गया था। 'पीड़ित हैं कूड़े की तरह'
हैरानी की बात यह है कि फिलिप ने रूसी प्रेस से कहा था कि उसके पीड़ित 'जैविक कूड़े' की तरह हैं और इस तरह वह 'समाज को साफ़' कर रहा है। उसे सेंट पीटर्सबर्ग की जेल में रखा गया है।
बीबीसी की रूसी सेवा के पत्रकारों के मुताबिक बुदेकिन ने पहले ख़ुद को निर्दोष बताया था और कहा था कि उसका कोई बुरा मक़सद नहीं था और वह सिर्फ मज़े ले रहा था।
रूसी अख़बार नोवाया गैज़ेटा के मुताबिक, बुदेकिन जैसे एडमिन गेम में हिस्सा लेने वालों से उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इसके सबूत मिटाने के लिए कहते थे।क्या आपको पता इन 10 सिंबल्स का मतलब, जिनका रोज होता है इस्तेमाल
ब्लू व्हेल चैलेंज से कैसे निपटें?
क्या कोई मोबाइल गेम किसी को आत्महत्या करने के लिए उकसा सकता है?औरंगाबाद की मनोचिकित्सक मधुरा अन्वीकर कहती हैं, "मोबाइल गेम खेलते समय बच्चों को मज़ा आता है। इससे दिमाग़ के कुछ हिस्से में इस अनुभव को बार-बार महसूस करने की चाह पैदा होती है।"मधुरा कहती हैं, "इस तरह के गेम मे जो भी टास्क दिए जाते हैं, उससे खेलने वाले की उत्सुकता बढ़ने के साथ ही यह भावना भी पैदा होती है कि 'मैं यह करके दिखाऊंगा'। उसे यह पता ही नहीं होता कि उसका अंजाम क्या होगा।"मधुरा अन्वीकर औरंगाबाद में पिछले 10 सालों से आइकॉन नामक एक मनोवैज्ञानिक केंद्र चलाती हैं और उनके केंद्र में मोबाइल की लत से पीड़ित बच्चों के उपचार के लिए कई अभिभावक आते हैं।
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एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
बेंगलुरू के सेंटर फ़ॉर इंटरनेट ऐंड सोसाइटी के विशेषज्ञ उद्भव तिवारी बताते हैं, "यह ऐसा गेम नहीं है जिसे मोबाइल आदि पर डाउनलोड करके खेला जा सके और इस चैलेंज में इंटरनेट का किरदार एकदम ही अलग है। यहां ग्रुप के किसी सदस्य के द्वारा कुछ चैलेंज दिए जाते हैं और खेलने वाला इस चैलेंज को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर ले सकता है। यह चैलेंज किसी भी प्लेटफॉर्म पर दिया और लिया जा सकता है। न केवल इंटरनेट, वेबसाइट या सोशल मीडिया पर बल्कि एक बंद कमरे में बैठे लोगों के बीच भी ये ब्लू व्हेल चैलेंज खेला जा सकता है। "ब्लू व्हेल जैसे सेल्फ़-हार्म गेम्स से निपटने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने पहले से ही कदम उठाए हैं।