नौकरी करने की जगह स्टार्टअप शुरू करने का लिया फैसला। उदिति की फैशन कंपनी ने देश में बनाई अपनी अलग पहचान।

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RANCHI (27 Sept): मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं तो हौसलों से उड़ान होती है। हौसले से ऊंची उड़ान भरने का ऐसा ही एक सपना रांची की युवा उद्यमी उदिति तुलस्यान ने देखा था। राह में आयी तमाम बाधाओं को चकनाचूर करते हुए उदिति ने अपना सपना सच किया और आज उनकी फैशन कंपनी दिन-दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रही है। उदिति ने बताया कि मेट्रो शहरों में जो फैशन का कल्चर है, उसे रांची जैसे टियर टू शहर में एक छत के नीचे लाना आसान नहीं था। पर मेहनत और क्रिस्टल क्लीयर विजन से मैंने इसे सपने को साकार किया। उदिति की कंपनी फैशन पिटारा कंपनी ने दिल्ली, मुम्बई, बंगलुरु और कोलकाता की लाइफ स्टाइल को रांची आइटस के बीच पॉपुलर किया। अब यह कंपनी रांची में फैशन जगत का जाना-पहचाना नाम है।

 

घरवाले बोले, बिजनेस करो
उदिति तुलस्यान बताती है हमारे खून में ही बिजनेस है। कोलकाता से मास्टर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब मैं नौकरी करने की सोच रही थी तो मेरे घर वालों ने कहा कि नौकरी नहीं खुद का बिजनेस शुरू करो, उसके बाद पॉकेट मनी बचाकर जो सेविंग मैंने की थी, उससे काम शुरू किया, दो लोगों के साथ मिलकर हमने काम शुरू किया था। चार साल बाद 12 से 15 लोगों की टीम हमारे साथ काम कर रही है। अपने सपने को सच करने के दौरान मेरे सामने कई बाधायें भी आईं पर मैंने हिम्मत नहीं हारी। रांची जैसे शहर में एक छत के नीचे पूरी फैशन इंडस्ट्री को लाना आसान नहीं था। हमारी पूरी टीम ने दिन-रात मेहनत की। 2013 में हमने फैशन पिटारा लाइफ स्टाइल एग्जीविशन शुरू किया था। शुरूआत में मेट्रो शहर के डिजाइनर अपना लेटेस्ट ट्रेंड लेकर रांची आने को तैयार नही होते थे। पर सबसे पर्सनली कांटैक्ट करके उनको रांची लाया गया, पहले एग्जीविशन में बहुत अच्छा रिस्पांस नहीं रहा, लेकिन धीरेधीरे लोगों के बीच यह पॉपुलर होता गया और चार साल में ही दस से अधिक एग्जीविशन कंपनी लगा चुकी है।

 

पूरे शहर को रहता है इंतजार
शुरुआत में इस नये कंसेह्रश्वट को मानने के लिये लोग तैयार नही होते थे, लेकिन पैरेंट्स ने हमें साथ दिया और कहा कि जो सोचा है उसे हर हाल में पूरा करो। अब हम रांची शहर के लोगों को पूरी डिजाइनर इंडस्ट्री जहां कपड़े, ज्यूलरी, बैग्स, फुटवेयर और सभी ब्रांडेड चीजें एक छत के नीचे उपलŽध करा रहे हैं। अब दूसरे शहरों के लोग जो रांची में स्टॉल लगाकर जाते है वो इंतजार करते है कि कब दुबारा एग्जीविशन लगेगा। रांची के लोग भी अब इसका इंतजार करते है।

 

पढने के समय ही आया आइडिया
उदिति बताती हैं, 'जब मैं पढ़ाई कर रही थी, उसी समय महसूस किया कि मेट्रो कल्चर को रांची में भी उतारा जा सकता है। संत जेवियर कॉलेज कोलकाता से मास्टर करने के बाद हमने इस स्र्टाटअप को शुरू किया, इसके लिए हमने दिल्ली, मुम्बई, बंगलुरु, कोलकाता जैसे शहरों में जितने भी डिजाइनर थे, उनसे कांटैक्ट किया और उनको बताया कि रांची भी मेट्रो कल्चर की राह पर है, यहां के लोग भी न्यू लाइफ स्टाइल की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में यहां भी बिजनेस की अपार संभावनाएं हैं।

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Posted By: Chandramohan Mishra