बंगलुरू का रामसुब्रमण्‍यन परिवार डाइनिंग टेबल पर चेन्‍नई में आई बाढ़ पर चर्चा कर रहा था। क्‍लास 4 की स्‍टूडेंट 10 बरस की चिन्‍मयी अपने माता-पिता की बातों को ध्‍यान से सुन रही थी। आपदा की इस घड़ी में बंगलुरू के लोग बड़ी संख्‍या में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए थे। परिवार की चिंता पीड़ितों के लिए जुटाई जा रही राहत के जरूरतमंदों तक न पहुंचने को लेकर थी। अचानक प्रोग्रामिंग में रुचि रखने वाली चिन्‍मयी ने सुझाव दिया क्‍यों न हम एक एप बनाएं जिससे इस काम में मदद मिले। इसके बाद चिन्‍मयी ने अपनी मां नित्‍या के सहयोग से एक एंड्रॉयड एप डेवलप किया। जिसे उसने नाम दिया कैलेमिटी रिलीफ।

एक दिन में डेवलप किया एप
चिन्मयी बताती है, उसे यह एप डेवलप करने में एक दिन का समय लगा। इससे राहत सामग्री डोनेट करना चाह रहे लोग सीधे उनसे जुड़ सकते थे जो उसके वितरण में लगे हुए थे। वहीं वालंटियर्स किस चीज की जरूरत है इस बारे में बता सकते थे। यह बाढ़ पीडि़तों की मदद करना चाह रहे और उनकी मदद कर रहे लोगों का नेटवर्क बनाने की कोशिश थी।
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कंप्यूटर से दोस्ती, गेम्स से नहीं
हमने कंप्यूटर व इंटरनेट से उसकी दोस्ती के बारे में और जानना चाहा। चिन्मयी को कंप्यूटर पसंद है पर कंप्यूटर गेम्स नहीं। वह कहती है, 'आई डोंट लाइक कंप्यूटर गेम्स'। आइ लाइक बास्केटबॉल'। इनडोर गेम्स में चेस। मन किताबें पढ़ने में लगता है। इस उम्र में वह स्टीफन हॉकिंग को पढ़ रही है। साइंस, फेवरिट सब्जेक्ट है। वह बड़ा होकर प्रोग्रामर नहीं एस्ट्रोनॉमर बनने का सपना देख रही है।
अंतरिक्ष में है रुचि
जब वह ऑनलाइन होती है तो अंतरिक्ष व उससे जुड़ी चीजों को खोज रही होती है। हमने उससे सवाल किया कि उसका पसंदीदा ग्रह कौन सा है, तो जवाब मिला, शनि। क्लास में अपने दोस्तों के बीच चिन्मयी बेहद पॉपुलर है। सबसे उसकी दोस्ती है। आने वाले दिनों वह अपने एप कैलेमिटी रिलीफ को बेहतर बनाना चाहती है जिससे कि आपदा में फंसे लोगों तक मदद पहुंचाना आसान हो सके।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari