त्योहारों के दौरान ऑनलाइन खरीदारी करना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें
सचिन पर आरोप है कि उसने शिवम को इस जालसाज़ी के लिए 150 प्री-एक्टिवेटेड सिम मुहैया कराए। ऐसे उन्होंने 166 फ़ोन खरीदे, जिन्हें बाद में बेच दिया।"
पुलिस के मुताबिक़ गिरफ़्तारी के समय इन दोनों के पास 25 फ़ोन, 12 लाख रुपये, 40 बैंक खातों की पासबुक और दो प्रॉपर्टी के कागज़ात मिले। पहला मामला नहींतकनीकी के ज़रिए धोखाधड़ी का यह पहला मामला नहीं है। समय की कमी के चलते आजकल ऑनलाइन खरीदारी का चलन बढ़ा है और सरकार भी डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रही है।ऐसे में लोगों की कम जानकारी का फ़ायदा उठाकर उन्हें बेवकूफ़ बनाने के मामलों में भी ख़ासी तेज़ी आई है। कहीं पोर्टल के लोगों को ठगने की ख़बर आती है तो कहीं लोग पोर्टल को चकमा दे रहे हैं।इसी साल जुलाई में पुणे की रहने वाली पवित्रा वेलपुरी ने फ़ेसबुक पर एक पोस्ट लिखी जिसमें उन्होंने बताया कि अगर वो ज़रा सी समझदारी न दिखाती तो खुद को खरीदार बताने वाला एक शख़्स उन्हें ठग लेता।
पवित्रा ने मशहूर साइट OLX पर अपने बच्चे का स्ट्रॉलर बेचने का विज्ञापन लगाया था। जिसमें एक शख़्स ने दिलचस्पी दिखाई। रकम पर सहमति हो जाने के बाद पवित्रा ने उस व्यक्ति को अपनी बैंक अकाउंट की जानकारी वॉट्सऐप के ज़रिए भेज दी, जिससे वह स्ट्रॉलर का भुगतान कर सके।
पवित्रा की कहानीकुछ ही मिनट में पवित्रा को पांच संख्या वाले एक नंबर से एसएमएम आया कि उनके खाते में 13,500 रुपये क्रेडिट हुए हैं।जबकि स्ट्रॉलर सिर्फ़ साढ़े तीन हज़ार रुपये का था। पवित्रा ने खरीदार को फ़ोन करके पूछा तो उसने कहा कि ग़लती से ज़्यादा पैसे ट्रांसफ़र हो गए। साथ ही उसने पवित्रा से दस हज़ार रुपये उसकी मां के पेटीएम खाते में भेजने के लिए कहा।पवित्रा पैसे भेजने ही चली थीं कि उन्हें सूझा कि एक बार अपने बैंक अकाउंट में भी चैक कर लें। वह दंग रह गईं जब उन्होंने देखा कि उनके बैंक अकाउंट में कोई पैसे नहीं आए।खरीदार से पूछने पर उसने बताया कि कभी-कभी बैंक की तरफ़ से देरी हो जाती है, साथ ही उसने पवित्रा पर जल्दी पैसे भेजने के लिए दबाव बनाते हुए कहा कि उसकी मम्मी को पैसे की तुरंत ज़रूरत है।पवित्रा को दाल में कुछ काला लगा और उन्होंने बैंक को फ़ोन लगा दिया। वहां से जानकारी मिली कि ऐसी कोई रकम उनके खाते में नहीं भेजी गई है। इस बीच खरीदार उन्हें बार-बार जल्दी पैसे भेजने के लिए कहता रहा।बैंक से सूचना मिलने के बाद पवित्रा ने उससे सख़्ती से पूछताछ की तो उसे समझ आ गया कि उसकी दाल वहां नहीं गलेगी और उसके बाद, उसने पवित्रा से संपर्क नहीं किया।
गॉसिप करने में आता है मजा? इसके फायदे जानकर और करने का मन करेगा
हमेशा सुरक्षित साइटों पर ही लेन-देन करें।यह पता करने के लिए कि आप किसी सुरक्षित साइट पर हैं या नहीं, जांच लें कि पेज के ऊपर यूआरएल में https:// लिखा हो।किसी वेबसाइट से कुछ खरीदने या किसी नए गेटवे के ज़रिए भुगतान करने से पहले इंटरनेट पर उसके बारे में थोड़ी जानकारी हासिल कर लें। लोगों के रीव्यू और फ़ीडबैक से यह जानने में मदद मिल सकती है कि उनका अब तक का परफ़ॉरमेंस कैसा रहा है।ऑनलाइन भुगतान करते समय अपने रजिस्टर्ड फ़ोन नंबर पर ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड मंगवाएं। और इस पासवर्ड को किसी के साथ शेयर न करें।अपना पिन या नंबर किसी को न दें। न कहीं नोट करके रखें। न फ़ोटो लें और न ही कभी किसी ऐप या मैसेज में किसी से शेयर करें।
ध्यान रखें कि कोई भी बैंक किसी भी सूरत में आपका पिन या सीवीवी नंबर नहीं मांग सकता। ऐसी जानकारी मांगने वाले किसी भी शख़्स की रिपोर्ट करें।
साथ ही होटल, रेस्टोरेंट, दुकान वगैरह में कार्ड से भुगतान करते समय नज़र रखें कि आपका कार्ड कहां इस्तेमाल हो रहा है।
मोबाइल फ़ोन पर भी लेन-देन करते हैं तो उसकी मेमोरी को लगातार साफ़ करते रहें जिससे पुरानी जानकारी हट जाए। धोखा हो जाए तो क्या करेंजितेन और आदिल आगे बताते हैं कि अगर किसी वजह से आपकी जानकारी लीक हो जाए या आपके कार्ड का कोई ग़लत इस्तेमाल कर ले तो, तुरंत बैंक को सूचना दें। इसमें देर न करें। कुछ ख़ास मामलों में 24 घंटे के भीतर सूचना मिलने पर बैंक आपका पैसा लौटाने के लिए बाध्य भी होता है।पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज करें। आपके इलाक़े में साइबर सेल की ब्रांच हो तो वहां जाएं।बाद में, बैंक में अपनी शिकायत लिखकर भी जमा कराएं। और शिकायत की कॉपी संभालकर रखें।बैंक के साथ हुई सारी बातचीत, फ़ॉलोअप की तारीख, समय वगैरह भी नोट करके रखें।अगर आपके कार्ड का इस्तेमाल किसी वेबसाइट या दुकान में हुआ है तो उनसे संपर्क करके भुगतान रुकवाने की कोशिश करें।फ़्रॉड से जुड़े सारे मैसेज, ईमेल और बाकी सबूत संभालकर रखें।अगर आपको लगता है कि आपका बैंक शिकायत मिलने के कुछ हफ़्तों के भीतर भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहा है तो आप बैंकिंग ओम्बड्समैन के पास जा सकते हैं।जितेन जैन के मुताबिक़ ऐसे कई मामले हैं जिनमें लोगों को लोकपाल के दखल के बाद जवाब मिला है।National News inextlive from India News Desk