परिवारों को एमएच 370 के हादसे के एक साल बाद भी अपनों के लौटने की है उम्मीद
मलेशियन एयरलाइंस एमएच 370 की दुर्घटना के शिकार कुछ लोगों के परिवारों ने तो मान लिया कि उन्होंने अपनों को खो दिया है, लेकिन कुछ की उम्मीदें अब भी बरकरार हैं. ऐसा ही भारतीय मूल का एक मलेशियाई परिवार है. वह यह मानने को तैयार नहीं है कि उन्होंने अपना इकलौता बेटा खो दिया है. जी हां, पुष्पनाथन भी 8 मार्च 2014 को एमएच 370 पर सवार होकर कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए रवाना हुए थे, लेकिन अब तक घर नहीं लौटे. उनके बुजुर्ग पिता जी सुब्रह्मïण्यम आज भी हर विमान को इस उम्मीद के साथ देखते हैं कि उनका बेटा आ रहा होगा. जारी रहेगी विमान की तलाश: नजीब रजाक
मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने रविवार को कहा कि उनका देश मलेशियाई एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या एमएच 370 वाले विमान का पता लगाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के एक साल होने पर अपने संबोधन में यह बात कही. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ हम दुर्घटनाग्रस्त विमान में सवार 239 लोगों की स्मृति और सम्मान में एकजुट हैं. इस विमान में सवार लोगों में 50 मलेशियाई नागरिक भी शामिल थे. हमारी प्रार्थना इन लोगों और इनके प्रियजनों के साथ है. उनके दुख में हम सभी भागीदार हैं.’
नजीब ने तलाशी अभियान में शामिल सभी लोगों का भी धन्यवाद किया. उन्होंने कहा, ‘मलेशिया ने विमान की तलाश के लिए एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय टीम तैयार की है. इस अभियान में मदद करने वाले लोगों के समर्पण भाव को हम कभी नहीं भूलेंगे.’
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