ये भारतीय बिना वीजा जाते हैं विदेश
आधा यहां आधा वहां
इस जगह की खास बात है कि भारत और म्यांमार को अलग करने वाली सीमा गांव के मुखिया के घर को विभाजित करती हुई निकलती है। इसी वजह से मुखिया का आधा घर भारत और आधा म्यांमार में है।
है अनुमति
यहां के लोगों को बिना वीजा म्यांमार में घूमने की इजाजत है। इन लोगों ने तिब्बती और म्यांमारी दोनो भाषाओं को मिलाकर अपनी एक भाषा बना ली है। आश्चर्य की बात है कि कई कोनाक परिवारों की रसोइयां म्यांमार में हैं जबकि वो सोते भारत में हैं।
दो देशों की नागरिकता
इस गांव के लोगों के पास भारत और म्यांमार दोनों देशो की नागरिकता है। यहां वर कई परिवार तो ऐसे हैं जो दिन में म्यांमार में रहते हैं तो रात में सोने के लिए भारत आ जाते है। यह बात अपने आप में काफी रोचक है।