इन दिनों सत्‍ताधारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने ही साथियों के निशाने पर है। कुछ दिन पहले भूतपूर्व वित्‍तमंत्री रहे यशवंत सिन्‍हा ने सरकार की अर्थ नीतियों के चलते उसे कटघरे में खड़ा किया था अब अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री रह चुके अरुण शौरी ने उस पर निशाना साधा है और कहा है कि नोटबंदी सरकार की ब्‍लैक मनी को व्‍हाइट करने की स्‍कीम थी जिससे कुछ लोगों को बड़ा फायदा हुआ। इसी तरह और भी कई साथी नेता और सहयोगी दल सरकार के खिलाफ बोलते रहे हैं।

 

एक बार फिर बोले यशवंत
पहले ही सरकार के नोटबंदी और जीएसटी जैसे मामलों पर सरकार को गलत बता चुके यशवंत सिन्हा ने अब कश्मीर मसले को लेकर बयान दिया है। उन्होंने ने कहा है कि भारत ने घाटी के लोगों को भावनात्मक तौर पर खो दिया है और पाकिस्तान, कश्मीर मसले में जरूरी तीसरा पक्ष है, जिससे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा किसी को वहां जाकर इस मुद्दे का हल जल्दी निकालना होगा। वो पहले ही बढ़ती बेरोजगारी का ठीकरा सरकार के सिर फोड़ चुके हैं। 

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शत्रुघ्न सिन्हा भी रहे हैं खफा
इस कड़ी में एक और सबसे बड़ा नाम शत्रुघ्न सिन्हा का रहा है जो हमेशा काफी मुखर स्वर में बीजेपी की नीतियों का ना सिर्फ विरोध करते रहे हैं बल्कि कई बार उसके विरोधी नेताओं की तारीफ भी करते रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा को इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी है और वो सारे प्रयासों के बावजूद कभी भी पार्टी की सरकारों में बड़े पद पर नियुक्त नहीं हो सके। 

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शिवसेना भी रही है विरोध में

बीजेपी की प्रमुख सहयोगी शिवसेना भी समय समय पर सरकार से विरोध जताती रही है। पिछले दिनों हुए मंत्रीमंडल के फेरबदल से लेकर नोटबंदी जैसे कई मामलों पर शिवसेना अपनी नाराजगी दिखाती रही है और अपना सर्मथन वापस लेने की धमकी भी देती रही है। बीते दिनों भी शिवसेना के मुखपत्र सामना में इस तरह की बात की गई थी। 

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Posted By: Molly Seth