इंसान कभी-कभी ऐसी हरकतों पर उतर आता है कि उसमें और जानवरों में कोई फर्क नहीं नजर आता। वो पूरी तरह से नरभक्षी ही हो जाता है। इंसान कई बार मजबूरी के कारण ऐसी निमर्म हरकत पर उतर आता है तो कभी अपनी सनकीपन की वजह से। इतिहास के पन्‍नों में ऐसी कई इंसान मौजूद है जिन्‍होंने इंसान को ही अपना खाना बना लिया। आइए जनते है कि आखिर कौन है वो लोग।



रिवोल्यूशनरी यूनाइटेड फ्रंट (1991 से 2001 तक)
दक्षिण अफ्रीका के सिएरा लियोन का ये एक चर्चित क्रांतिकारी समूह था। सन् 1990 के दशक में सरकार विरोधी अभियान में आरयूएफ द्वारा काफी नरसंहार किया गया था। आरयूएफ का यह अभियान देश में मौजूद हीरे की खानों को बचाने के लिए था। आरयूएफ द्वारा किए जाने वाले नरसंहार में नरभक्षण के भी कई मामले सामने आए थे। उनका नरभक्षण का उद्देश्य था कि वो शत्रुओं की मानसिक और शारीरिक तातक पाना चाहते थे। उस समय कई लोग नरभक्षण के शिकार हुए थे तो इसका आंकड़ा बता पाना नामुमकिन है। है।

एंद्रेई चिकातिलो
एंद्रेई लोगों को पहले दोस्त बनाता था फिर उनकी निर्मम हत्या कर उनको खा लेता था। ये बहुत ही संगीन सीरियल किलर और बलात्कारी था। उसने खुद 50 हत्याएं और दुष्कर्म की बात कबूल की थी। 14 फरवरी 1994 एंद्रेई को रोस्तोव में मौत की सजा दे दी गई थी।

रातू उडरे (फिजी, 19 वीं शताब्दी)
रातू दरअसल 19 वीं शताब्दी में एक कबिले का मुखिया था जो इंसानों को खानें में ही विश्वास रखता था। रातू को अब तक का सबसे क्रूर इंसान बताया बया है क्योंकि वो लोगों का सिर पकाकर खाया करता था। उसका ये मानना था कि जब वो 1000 इंसानों की खोपड़ियां खा लेगा तो वो अमर ओ जाएगा। कितने इंसानों के सिर वो खा चुका है इसकी गिनती करने के लिए वो पत्थर के टुकड़ो को अपने पास रखा करता था। वो 999 इंसानी खोपड़ियां ही खा पाया था जब उसकी मौत हुई थी।

चिजोन फैमिली (1993-19994)
दक्षिण कोरिया का ये गैंग अमीरों को अपना निशाना बनाते थे। वो लोगों का अपरण कर उनको मार देते थे और फिर पका कर खा लेते थे। बाद में पुलिस ने इस गैंग को अपनी गिरफ्त में ले लिया था।

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Posted By: Ruchi D Sharma