धरती की 10 सबसे खतरनाक जगहें जहां से कोई लौटकर नहीं आता
स्कॉटलैंड में मौजूद ये भंवर वाकई में खतरे का प्रतीक हैं। स्कॉटलैंड के पश्चिमी तटोंपर मौजूद इस भंवर को Strait of Corryvreckan भी कहते हैं। इनमें फंसने वाला सीधे साढ़े छह सौ फीट की गहराई में गुम हो जाता है।
1500 मील के क्षेत्र में फैले इस क्षेत्र में गुम होने वाला अक्सर लौट के नहीं आ पाता। 1800 शताब्दी में बनी ये एक मेहराबदार छतों वाली कब्रगाह है।
कंबोडिया के सबसे बड़े सिविल वार में हुए नरसंहार में मारे गए करीब एक मिलियलन लोगों के कंकाल आज भी यहां मौजूद हैं जिन्हें देख कर मजबूत से मजबूत दिल वालों के भी कलेजे दहल जाते हैं।
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इंग्लैंड की ये धारा देखने में भले ही कितनी भी शांत लगती हो लेकिन इसका खतरनाक अंडर करेंट इसके बहाव में आने वाले को अतल गहराइयों में डुबो कर हमेशा के लिए दुनिया की नजरों से ओझल कर देता है।
Mariana Trench, Pacific Ocean
ये दुनिया का सबसे गहरा स्थान माना जाता है। इस का गहरना काला जल अपनी गहराई में कई खतरनाक जल जीवों को पालता है। इनमें कुछ के बारे मनुष्य जानता है जबकि कुछ अभी बिलकुल अनजाने हैं।
इलहा डी क्विमाडा ग्रांड का निक नेम स्नेक आइलैंड भी है। यह ब्राजील के साओ पालो द्वीप का तट है। यहाँ पर इन सांपो कि संख्या इतनी अधिक है कि हर एक वर्ग मीटर में पांच सांप रहते है यानि कि आपके सिंगल बेड जितनी जगह में दस साँप। इन सांपों की गिनती विश्व के सबसे जहरीले सांपो में होती है। ब्राजील की नेवी ने लोगों के यहां घुसने पर प्रतिबंध लगा रखा है।
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Door To Hell, Derweze, Turkmenistan
1971 में रूसी वैज्ञानिकों ने नैचुरल गैस से तुर्किमानी रेगिस्तान में एक अग्निकुंड प्रज्वलित किया। उन्हें उम्मीद थी कि कुछ समय बाद ये बुझ जायेगा, पर ऐसा हुआ नहीं और तब से आजतक इसकी आग जल रही है। स्थानीय लोग इसे नर्क का द्वार कहते हैं। दुनियाभर से हजारों पर्यटक इसे देखने आते हैं।
करीब दो फीट के इस सीधे ढलान को देख कर अच्छे से अच्छे गोताखोर की रीढ़ में सिहरन दौड़ जाती है। खास तौर पर इसलिए क्योंकि इसके बेहद साफ पानी में अनंत गहराई तक जहां रोशनी पहुंच पाती है सब कुछ साफ दिखाई देता है।
इंडोनेशिया में स्थित ये आज भी एक जाग्रत ज्वालामुखी है। यहां गंधक की खदाने हैं। जो लोग इन खदानों में काम करते हैं वे जान हथेली पर लेकर बिना किसी सुरक्षा के करीब डेढ़ किलोमीटर तक इस साढ़े छह सौ फुट गहरी खदान में उतरते हैं।
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ऑशविच के गैस चैंबर में 1,500 यहूदियों को बंद कर जर्मन तानाशाह हिटलर के सैनिकों ने मौत दे डाली थी। ये घटना इतिहास के सबसे क्रूरतम नरसंहारों में एक थी। Interesting News inextlive from Interesting News Desk