ऊपर दिखाई तस्‍वीर को ध्‍यान से देखिए। दिख रहा है आपको एक गांव बसा हुआ। अब आप सोच रहे होंगे कि ये तो खाली मैदान है। इसमें बसा हुआ क्‍या है लेकिन यहां पूरा बसा हुआ गांव है। चौंकिए मत आपकी बात का जवाब मिलेगा यहां। दरअसल यहां गांव बसा हुआ है इस खाली मैदान के नीचे। अब आप और भी ज्‍यादा चौंक गए होंगे लेकिन ये सच है।


ऐसा हुआ इन गांव वालों के साथ इस गांव में करीब 3,500 लोग रहते हैं। इनमें से 60 फीसदी लोग जमीनों के नीचे बने घरों में रहते हैं। 1915 में यहां दूधिया पत्थर की खोज करने के लिए माइनिंग का काम शुरू किया गया। इस वजह से लोगों को यहां रहने में काफी मुश्किल होने लगी। उस समय माइनिंग खत्म होने के बाद लोगों ने इस तरह के घरों का सहारा लिया। उन्होंने कहीं और जाने के बजाए यहां की माइंस में ही अपने घर बनाने शुरू कर दिए।यहां का तापमान रहता है ऐसा
जमीन के नीचे बने ये घर बहुत सुंदर हैं। यहां का तापमान भी लोगों के रहने के हिसाब से ही बनाया गया है। आप भी सुनकर चौंक जाएंगे कि यहां गर्मियों में पंखे की जरूरत नहीं पड़ती और न ही सर्दियों में हीटर की। सभी मौसम में बराबर तापमान रहता है। ग्राउंड लेवल पर बने हैं दरवाजे


यहां सभी घरों के दरवाजे ग्राउंड लेवल पर बने हुए हैं। यहां जमीन के नीचे सिर्फ घर ही नहीं, बल्कि कई होटल, स्पा, कैसीनो और चर्च भी बने हुए है। सिर्फ यही नहीं, यहां कई हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हुई है। फिल्म 'पिच ब्लैक' की शूटिंग यहीं पर हुई है। उस समय शूटिंग खत्म होने के बाद प्रोक्शन टीम ने स्पेसशिप को यहीं छोड़ दिया था। यही अब यहां पर्यटकों को आकर्षित करने लगा है।National Newsinextlive fromIndia News Desk

Posted By: Ruchi D Sharma