रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने अमरीका को सीरिया पर एकतरफा कार्रवाई करने के ख़िलाफ़ चेतावनी दी है. पुतिन ने कहा कि् संयुक्त राष्ट्र की अनुमति के बिना किसी भी तरह की सैन्य कारवाई 'आक्रामण' मानी जाएगी.


अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रासायनिक हथियारों के हमले का आरोप लगाते हुए सीरिया पर सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है.रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ़ से जारी ऐसे किसी प्रस्ताव का समर्थन कर सकते हैं. हालांकि उनका कहना है कि इससे पहले यह साबित होना चाहिए कि सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की बात 'संदेह से परे' है.पुतिन ने कहा है कि बगैर संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के अमरीकी कार्रवाई के हालात में रूस क्या करेगा यह कहना अभी 'जल्दबाज़ी' होगी.अमरीकी सीनेटरों की मंज़ूरीइस बीच अमरीकी सांसदों ने सीरिया के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार किए गए प्रस्ताव के मसौदे पर सहमति जताई है.


इस पर कांग्रेस में अगले सप्ताह मतदान होगा. अगर इस प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल जाती है, तो इससे राष्ट्रपति बराक ओबामा को सीरिया के ख़िलाफ सीमित सैन्य कार्रवाई का अधिकार मिल जाएगा.मसौदे के मुताबिक़ सीरिया के ख़िलाफ़ किसी भी सैन्य कार्रवाई की अवधि 60 दिन से अधिक नहीं होगी. साथ ही इसमें सीरिया में पैदल सेना को न उतारे जाने की बात कही गई है.ओबामा ने उम्मीद जताई है कि उनके प्रस्ताव पर कांग्रेस की मुहर ज़रूर लगेगी.

विदेश मंत्री ने कहा कि इस बात के ठोस सुबूत हैं कि राष्ट्रपति बशर अल असद की सेना 21 अगस्त को दमिश्क के क़रीब रासायनिक हमले के लिए पूरी तरह तैयार थी.अधिकारकेरी ने कहा कि राष्ट्रपति अमरीका के लड़ाई में शामिल होने की बात नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "वो सिर्फ यह अधिकार चाहते हैं, जिससे साफ हो कि अमरीका वही है जिसे हम अमरीका कहते हैं.""कार्रवाई न करने का मतलब अमरीका का दूसरी सुरक्षा प्रतिबद्धताओं से भागना होगा, जिसमें ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने की राष्ट्रपति की प्रतिबद्धता शामिल है."-चक हेगल, रक्षा मंत्रीउन्होंने कहा, "यह आराम से बैठने का समय नहीं है. यह मूकदर्शक बनकर जनसंहार को देखने का समय नहीं है."रक्षा मंत्री चक हेगल और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल मार्टिन डेमप्सी भी समिति के सामने पेश हुए.हेगल ने कहा कि अमरीका की बातों का कुछ मतलब होना चाहिए. उन्होंने केरी से सहमति जताते हुए कहा, "कार्रवाई न करने का मतलब अमरीका का दूसरी सुरक्षा प्रतिबद्धताओं से भागना होगा, जिसमें क्लिक करें ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने की राष्ट्रपति की प्रतिबद्धता शामिल है."

Posted By: Satyendra Kumar Singh