ये टकराव बहुत ही धीमी गति से हुआ था लगभग 2.4 किलोमीटर प्रति सैकेंड की गति से. इसका मतलब है कि न कोई बड़ा झटका लगा और न बड़ी मात्रा में कुछ पिघला. - वैज्ञानिक मार्टिन जुत्ज़ी


अपनी पृथ्वी का एक चांद और भी था. आपको शायद इस बात पर विश्वास न हो लेकिन रिसर्चर्स ने दावा किया है कि लगभग चार अरब साल पहले पृथ्वी का एक दूसरा चांद था जो धीमी गति से बड़े चांद के साथ टकराया और नष्ट हो गया.तो इसलिए है चांद पर दाग
साइंटिस्ट्स का दावा है कि लाखों साल इसी स्थिति में रहने के बाद वह धीरे-धीरे चांद की ओर आकर्षित हुआ और लगभग 2.4 किलोमीटर प्रति सैकेंड की गति से उससे टकराया. साइंटिस्ट्स का मानना है कि धीमी गति से छोटे चांद के बड़े चांद से टकराने के कारण ही चांद की पृथ्वी से नजर आने वाली सतह पर कई खाइयां दिखती हैं. इन्हें साहित्यकार चांद में दाग बताते हैं. चांद का जो भाग पृथ्वी से नजऱ नहीं आता है, उस ओर इस टकराव की वजह से लगभग 3000 मीटर ऊंचे पहाड़ पैदा हो गए.

 

Posted By: Divyanshu Bhard