दीपावली के शुभ त्योहार पर आप सबने भी तैयारी कर ली होगी अपने घर को पूरी तरह से दीयों से सजाने की। फिर क्या है अब तो बस इंतजार है शाम होने का। उसके बाद चारों ओर का नजारा जगमगा उठेगा दियों की झिलमिल रोशनी से। त्योहार को रोश्ान करने के नाम पर आप अपने घरों पर दिए जला तो लेंगे लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इस त्योहार पर दियों को क्यों रोशन किया जाता है। आपको बता दें कि इस रिवाज के पीछे न सिर्फ पारंपरिक कारण छिपा है बल्िक इसका वैज्ञानिक कारण भी है। जानना चाहेंगे आप कि क्या है दीपावली पर दियों के जलाने का पारंपरिक और वैज्ञानिक कारण। आइए जानें...।
By: Ruchi D Sharma
Updated Date: Sun, 30 Oct 2016 11:01 AM (IST)
उसके बाद वनवास पूरा करके जब उनके अयोध्या लौटने का समय आया तो विभीषण ने उनको वापस पहुंचने के लिए रावण का पुष्पक विमान दिया। ये वही पुष्पक विमान था, जो रावण ने कुबेर से छीन लिया था। इसी से वापस लौटते समय इनको अयोध्या नगरी में लौटना था। आधी रात का समय था। अब अंधेरे में विमान कहीं खो न जाए, या कहीं और न उतर जाए, इसके लिए अयोध्यावासियों ने दिये रोशन किए। ताकि पुष्पक विमान सही जगह पर उतरे। उस समय से परंपरा बन गई भगवान राम के वापसी के इस दिन को दियों से रोशन करने की।
उस समय से परंपरा बन गई दीपावली के इस त्योहार को भगवान राम के अयोध्या वापस लौटने की खुशी के रूप में मनाने की। उसी के प्रतीक स्वरूप तब से अब तक दिये रोशन किए जा रहे हैं।
खूशबू की ओर होते हैं मच्छर आकर्षित
ऐसे में दिवाली पर हर कोई अपने-अपने घर पर सरसों के तेल का दिया जलाता है। इतनी बड़ी तादाद में तेल का दिया जलने से उससे उठने वाली खुशबू आसपास के सारे मच्छर उनकी ओर आकर्षित होते हैं। उसके बाद दिये में ही जलकर मर जाते हैं। वैसे आमतौर पर आपने भी देखा होगा कि जलती लाइट के आसपास मच्छर बहुत आकर्षित होते हैं। ठीक वैसे ही जलते दीपक के पास भी होते हैं। कुल मिलाकर दीपावली पर दिये जलाने से मौसम के बदलने पर आए मच्छरों का पूरी तरह से खात्मा हो जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसी वजह से दिवाली पर दियों के जलाने को शुभ के साथ-साथ जरूरी भी माना जाता है।Interesting News
inextlive from
Interesting News Desk
Posted By: Ruchi D Sharma