कहते हैं भगवान उन्‍ही की मदद करता है जो खुद की मदद करते हैं। यह कहानी है भारत की उस महिला की जिन्‍होंने विपरीत परिस्‍थितियों में भी हिम्‍मत न हारते हुए जीवन को नई दिशा दी। कभी दिहाड़ी पर काम करने वाली ये महिला आज करोंड़ों की मालकिन बन गईं। पढ़ें पूरी कहानी....


12 साल में हो गई थी शादीभारत की सबसे सफल महिला बिजनेसवुमेन में से एक कल्पना सरोज कमानी ट्यूब्स की चेयर पर्सन हैं। कल्पना का शुरुआती जीवन काफी कठिन रहा। 12 साल की उम्र में उनके पिता ने उनकी पढ़ाई छुड़वा दी। उम्र से बड़े लड़के के साथ उनका विवाह करा दिया। ससुराल में कल्पना को काफी परेशान किया जाने लगा। एक बार कल्पना के पिता अपनी बेटी से मिलने उसके ससुराल पहुंचे। वहां कल्पना की दयनीय स्थिति देख वह उसे वापस घर ले आए।2 रुपये मिलती थी दिहाड़ी


16 साल की उम्र में कल्पना जी अपने चाचा के पास मुंबई आ गयी। वो सिलाई का काम जानती थीं, इसलिए चाचा जी उन्हें एक कपड़े की मिल में काम दिलाने ले गए। यहां उन्हें प्रतिदिन 2 रुपये दिहाड़ी मिलती थी। कल्पना ने बाद में एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करना शुरु किर दिया। इसके बाद वह टेलरिंग के बिजनेस में आ गईं और फिर एक फर्नीचर स्टोर खोला। 112 मिलियन की संपत्ति

इस समय कल्पना कमानी ट्यूब्स की चेयर पर्सन हैं और उनके पास पास तकरीबन 112 मिलियन की संपत्ति है। 2013 में पद्म श्री सम्मान से भी नवाज़ा गया और कोई बैंकिंग बैकग्राउंड ना होते हुए भी सरकार ने उन्हें भारतीय महिला बैंक के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स में शामिल किया।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari