चुनाव से पहले उनके नामांकन पत्र दाखिल करते समय पहली बार औपचारिक रूप से पता चला वो शादीशुदा हैं. उससे पहले ये स्पष्ट नहीं था.
चुनाव से पहले उनके नामांकन पत्र दाखिल करते समय पहली बार औपचारिक रूप से पता चला वो शादीशुदा हैं. उससे पहले ये स्पष्ट नहीं था.इस सच के बाहर आने पर बवाल मचा लेकिन ख़ुद उन्होंने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया. उनका व्यक्तित्व एक पहेली की तरह है जिसे लोग समझने की कोशिश कर रहे हैं.कोई कहता है वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बचपन से प्रचारक रहे हैं इसलिए वो इस संस्था के एजेंडे पर चल रहे हैं.कोई कहता है उन्होंने आरएसएस और हिंदुत्व परिवार की सभी संस्थाओं को गुजरात में ख़त्म कर दिया और वो अपने एजेंडे पर चल रहे हैं. उनके एक क़रीबी साथी के अनुसार वो देश पर अपनी गहरी छाप और विरासत छोड़ कर जाना चाहते हैं.
वो पिछले 14 सालों से सार्वजनिक जीवन में हैं. इस बार चुनावी मुहिम के दौरान छह महीने तक हम उन्हें रोज़ टीवी पर देखते आए हैं और अख़बारों में उनके बारे में पढ़ते आए हैं. हममें से अधिकतर ये सोचते हैं कि हम उन्हें अच्छी तरह से जानते हैं. लेकिन क्या हम सही मायनों में नरेंद्र भाई मोदी को कितना जानते हैं? क्या उनके बारे में हम सब कुछ जानते हैं?
आइए नज़र डालते हैं मोदी के बारे में कुछ कम ज्ञात तथ्यों पर.
चुनावों के नतीजों के बाद जब स्पष्ट हो गया कि वो देश के प्रधानमंत्री बनेंगे तो वो सबसे पहले अपनी माँ से मिलने गए. उनके आलोचकों ने कहा वो किसी भी रिश्तेदार से क़रीब नहीं हैं और वो माँ से मिलने का दिखावा कर रहे हैं. लेकिन वरिष्ठ पत्रकार आकार पटेल कहते हैं नरेंद्र मोदी ने 2003 में उनसे कहा था कि वो अपनी माँ से काफ़ी क़रीब हैं.
स्टाइल पर ध्याननरेंद्र मोदी सार्वजनिक रूप से सामने आने से पहले से ही अपने कपड़ों और हुलिये पर काफी ध्यान देते थे. वो हमेशा दाढ़ी और बाल ट्रिम करवाते हैं. वो भारतीय लिबास पहनते हैं. सिलाई और कट पर उनकी पूरी नज़र होती है, चाहे वो उनकी आधी आस्तीन का कुर्ता हो या उनका नीले रंग का जैकेट. आकार पटेल उन्हें क़रीब से जानते हैं और उनके मुताबिक़ नरेंद्र मोदी कपड़ों के स्टाइल पर काफी ध्यान देते हैं.नरेंद्र मोदी का बचपन गुजरात के वडनगर में गुज़रा जहाँ उनके साथियों और पड़ोसियों में मुसलमान बच्चे भी शामिल थे. उनके भाई प्रह्लाद मोदी के अनुसार दोनों भाई मुस्लिम बच्चों के साथ अक्सर खेला करते थे.
आमतौर से नरेंद्र मोदी को मुस्लिम समाज में मुसलमान विरोधी समझा जाता है लेकिन उनके एक क़रीबी मुस्लिम व्यापारी साथी ज़फर सरेशवाला के अनुसार मोदी मुस्लिम विरोधी नहीं हैं. उनका दावा है कि अब तक वो 13 मुस्लिम युवकों को जेल से छुड़वा चुके हैं.
समलैंगिकता और चीनसमलैंगिकता के मामले में भारत के नए प्रधानमंत्री की राय क्या है? ये किसी को नहीं मालूम. हाँ उनकी पार्टी क्या सोचती है इसका पता सभी को है. भाजपा अकेली ऐसी पार्टी थी जिसने सुप्रीम कोर्ट के हाल के उस फ़ैसले का समर्थन किया था जिस में अदालत ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया था और समलैंगिकता एक बार फिर से अप्राकृतिक कर्म क़रार दिया गया.मोदी चीन से काफी प्रभावित हैं और वो गुजरात के मुख्यमंत्री की हैसियत से चार बार चीन की यात्रा कर चुके हैं. चीन ने गुजरात में काफी निवेश किया है. अब चीन को आशा है कि मोदी के शासनकाल में दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और फलेंगे-फूलेंगे.मोदी हमेशा अपनी सुबह प्रार्थना से शुरू करते हैं और उसके बाद लाज़मी तौर पर ईमेल चेक करते हैं. अपने बारे में लेख पढ़ते हैं. इसके अलावा वो अख़बार भी पढ़ते हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर वो अधिकतर फ़ैसले ख़ुद से लेते थे और तब मंत्रिमंडल को इसकी जानकारी देते थे. वो हमेशा कुछ गिने-चुने प्रशासनिक अधिकारियों पर ही भरोसा करते हैं.कहा जाता है कि उनका कोई क़रीबी साथी नहीं है. वो एकांत में काम करना पसंद करते हैं
Posted By: Abhishek Kumar Tiwari