अखबार के पन्ने पर छपे 4 कलरफुल डॉट्स का मतलब जानते हैं? बड़ा आसान है...
क्या है इन 4 रंगों का विज्ञान
बचपन में स्कूल ड्रॉइंग क्लास में आपने 3 प्राइमरी कलर्स पढ़े होंगे, लाल, नीला और पीला। पेंटिंग की दुनिया में हर तरह के कलर्स बनाने के लिए यही मेन कलर्स यूज किए जाते हैं, लेकिन जब बात प्रिंटिंग की हो, तो वहां पर 4 कलर्स को मिलाकर रंगीन छपाई की जाती है। अखबार से लेकर मैगजीन, विजिटिंग कार्ड, फ्लेक्स बैनर और तमाम ऑफीशियल लेटर सभी 4 रंगों से प्रिंट किए जाते हैं। इसी कारण इन्हें फोर कलर जॉब कहा जाता है। इन चार कलर्स को CMYK के नाम से जाना जाता है। CMYK की फुल फॉर्म है Cyan, Magenta, Yellow and key (black)। यहां CMY क्रम से नीले, लाल और पीले रंगों को दर्शाते हैं, जबकि K को प्रिंटिंग की Key प्लेट जो ब्लैक होती है, उससे जोड़कर देखा जाता है, तभी तो K का मतलब है काला रंग।
अखबार में छपे हुए इन 4 रंगों वाले डॉट्स का क्रम और कलर का गाढ़ापन (Level) अगर ठीक है तो जान लीजिए कि उस पेज पर की गई रंगीन प्रिंटिंग भी बिल्कुल सही होगी। अगर चारों रंगो में से कोई भी कलर इधर उधर हो जाए। कहने का मतलब यह है कि कोई भी कलर डॉट दूसरे रंग के डॉट पर चढ़ जाए तो समझ जाइए कि उस पेज पर छपी हुई तस्वीरों के रंग भी खराब और धब्बेदार होंगे।
अखबार के रंगों का गणित तो आपको समझ आ गया होगा। अब अगर आपके पास 1 मिनट और हो तो टीवी की रंगीन दुनिया को कलरफुल बनाने वाले रंगों के बारे में भी जरा जान लीजिए। टीवी हो या कंप्यूटर या फिर मोबाइल इन सभी के कलर्ड डिस्प्ले को कलरफुल बनाने में यूं तो लाखों रंग यूज होते हैं, लेकिन सिर्फ 3 बेस कलर ही टीवी को रंगीन बनाते हैं। ये तीन रंग है RGB यानि Red, Green और Blue। इन तीन रंगों के अलग अलग शेड्स आपस में मिलकर इलेक्ट्रानिक्स और डिजिटल डिवाइसेस में 16 मिलियन कलर्स भर देते हैं। तभी तो हमें टीवी से लेकर मोबाइल तक हमें बेहतरीन रंग नजर आते हैं।