भूतों की तो कई कहानियां सुनी होंगी आपने। इनमें से कुछ ऐसी भी रही होंगी जिनपर आपको न चाह कर भी विश्‍वास करना पड़ा होगा। वहीं कुछ को धुएं भी उड़ा दिया होगा। इन दिनों ऐसी ही एक कहानी जबरदस्‍त तरीके से चर्चा में है। ये है इंडियन बॉर्डर की पहरेदारी करने वाले सिपाही हरभजन सिंह के भूत की। कहते हैं इनका भूत आज भी भारतीय सीमा की पहरेदारी करता है। आइए आपको सुनाएं इनकी पूरी कहानी।


हरभजन सिंह के बारे में बता दें कि वह एक ऐसे सैनिक थे, जो मरणोपरांत भी अपना काम पूरी मुस्तैदी के साथ कर रहे हैं। मरने के बाद भी वो सेना में कार्यरत हैं और उनकी पदोन्नति भी होती है। हैरान करने वाली बात ये है 30 अगस्त 1946 को जन्मे बाबा हरभजन सिंह 9 फरवरी 1966 को भारतीय सेना के पंजाब रेजिमेंट में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे।

दो दिन तक उसी जगह पर उनको खूब ढूंढा गया, लेकिन वो नहीं मिले। कहा जाता है कि उसके बाद उन्होंने अपने एक साथी सैनिक के सपने में आकर अपने शरीर के बारे में जानकारी दी। सपने में उनकी बताई हुए जगह पर खोजबीन करने पर तीन दिन बाद भारतीय सेना को उनका पार्थिव शरीर उसी जगह मिला। 
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उनके सपने के सच होने का सबूत ये भी था कि एक बार उन्होंने एक ही जानकारी को लेकर दो लोगों को एक ही जैसा सपना दिखाया। बड़ी बात ये रही कि दोनों ही सपनों में जो एक बात बताई गई थी, वो पूरी तरह से सच साबित हुई।

भारतीय सेना के जवान बाबा के मंदिर की चौकीदारी करते हैं। सिर्फ यही नहीं रोजाना उनके जूते भी पॉलिश किए जाते हैं। उनकी वर्दी साफ की जाती है। उनके बिस्तर भी लगाए जाते हैं। वहां तैनात सिपाही बताते हैं कि साफ किए हुए जूतों पर दूसरे दिन कीचड़ लगी होती है और उनके बिस्तर पर सिलवटें भी पड़ती हैं।

सालों पहले कई सैनिकों ने बाबा हरभजन सिंह के निर्देश देने वाला एक ही सपना देखा। उस सपने में वो उन सैनिकों को सीमा की सुरक्षा में कमी के बारे में चेतावनी देते नजर आए। उन्होंने सपने में उनको ये भी चेताया कि अगर सुरक्षा व्यवस्था को जल्द मुस्तैद नहीं किया गया तो चीनी सेना कभी भी अटैक कर सकती है।

अब लोग मंदिर में इनकी समाधि के दर्शन करने के लिए 14000 फीट की ऊंचाई पर संकरे रास्ते पर रेंगते हुए गाड़ी को लेकर आते हैं। इतनी खतरनाक रास्ता होते हुए भी लोग इतनी ऊंचाई पर दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में दूर-दूर से आते हैं। कई लोग तो बीमारी की हालत में यहां चमत्कार देखने और मन्नत मांगने भी आते हैं। उनका मानना है कि यहां मांगी जाने वाली मन्नत जरूर पूरी होगी। उनकी समाधि के बारे में मान्यता है कि यहां पानी की बोतल कुछ दिन रखने पर, उसमें चमत्कारिक गुण आ जाते हैं। इसका 21 दिन सेवन करने से श्रद्धालु अपने रोगों से शत-प्रतिशत छुटकारा पा जाते हैं।

यहां से गुजरने वाले टैक्सी ड्राइवर भी यहां रुककर इनकी समाधि पर माथा टेकते हुए जरूर जाते हैं।

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Posted By: Ruchi D Sharma