The month matters
इंसान की उम्र से लेकर उसकी बुद्धि तक कई बातें उसके बर्थ मंथ से तय होती हैं. यह खुलासा एक नई साइंटिफिक स्टडी में किया गया है. ‘डेली मेल’ न्यूजपेपर के मुताबिक, इसमें यह भी बताया गया है कि बच्चे में अस्थमा और दिमागी बीमारियां ऑटिज्म सीजोफ्रेनिया, मल्टीपल स्केलेरोसिस की आशंका उसकी मां द्वारा प्रेगनेंसी में ली गई धूप पर डिपेंड करती है.
बसंत से बेहतर पतझड़ अमेरिका में की गई इस तरह की स्टडी में दावा किया गया है कि पतझड़ के मौसम में जन्मे बच्चे बसंत में जन्मे बच्चों के मुकाबले 160 दिन अधिक जिंदा रहते हैं. बच्चा जब मां की कोख में होता है तो सूरज की रोशनी उस पर असर डालती है.
प्रेगनेंसी की शुरुआत के महीनों में बच्चे को अगर सूरज की रोशनी ढंग से न मिले, तो आगे चलकर यह उसके मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर काफी लंबे समय तक असर डाल सकता है. साइंटिस्ट्स ने बताया है कि मार्च और मई में पैदा हुए बच्चों को बीमारियां जल्दी-जल्दी होती हैं.