आपने इंसानो या फिर ईट पत्‍थरों के पिरामिट बने अक्‍सर देखे होंगे लेकिन क्‍या कभी प्‍लास्‍टिक के कपों का पिरामिड देखा है। शायद आपका जवाब नहीं होगा। इतना ही नहीं आप सोच रहे होंगे कि भला ये काम कौन कर सकता है लेकिन ऐसा हो सकता है। हाल ही में दिल्‍ली के छात्रों ने एक 22 फीट का पिरामिड बनाया है। सबसे खास बात तो यह है कि उनका ये कारनामा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है।


मैक्सिको नागरिक के नामकई बार लोग ऐसे काम कर जाते हैं जिन्हें देखकर आप यकीन नहीं कर सकते हैं कि ऐसा भी हो सकता था। उनके काम विश्व रिकॉर्ड में भी शामिल हो जाते हैं। अब दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के छात्र कुशाग्र तायल को ही ले लीजिए। अर्थशास्त्र ऑनर्स द्वितीय वर्ष के इस छात्र ने हाल ही में प्लास्टिक के कपों से एक पिरामिड बनाया है। यह पिरामिटड करीब 22 फीट ऊंचा है। इसे बनाने में करीब 56,980 प्लास्टिक के कपों का इस्तेमाल हुआ है। अमित से पहले यह रिकॉर्ड एक मैक्सिको नागरिक के नाम था। वहां पर 42,925 प्लास्टिक के कपों से पिरामिड बनाया गया था। इतना ऊंचा पिरामिड बनाया
कुशाग्र की इस बड़ी उपलब्धि से हंसराज कॉलेज का प्रशासन काफी खुश है। कुशाग्र के गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल होने से उसे बधाइयां मिल रही हैं। वहीं इस संबंध में छात्र कुशाग्र का कहना है कि पहले उसने इस काम को अकेले करने का प्लान किया लेकिन असंभव नजर आया। इसके बाद उसने इसके लिए पूरी एक टीम बनाई। जिसके बाद उसने सबके साथ मिलकर इतना ऊंचा पिरामिड बनाया है। कुशाग्र का कहना है कि उसकी हमेशा से यह चाहत थी कि वह कोई ऐसा काम करे कि जो पूरी दुनिया में अनोखा दिखाई दे।

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Posted By: Shweta Mishra