कठुआ कांड: BAK ने आरोपियों का केस फ्री में लड़ने का प्रस्ताव लिया वापस
सु्प्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया को बाधित न करें वकील
जम्मू (प्रेट्र)। हाल ही में कठुआ में हुए आठ साल की बच्ची के साथ गैंगरेप मामले में आठ आरोपियों को लेकर बार एसोसिएशन कठुआ ने एक बड़ा निर्णय लिया था। हालांकि बार एसोसिएशन ने आरोपी आठ लोगों का मुफ्त में मुकदमा लड़ने का प्रस्ताव कल शनिवार को वापस ले लिया। बार एसोसिएशन के इस फैसले के पीछे सु्प्रीम कोर्ट की सलाह मानी जा रही है। बतादें कि बार एसोसिएशन के प्रस्ताव वापस लेने के ठीक एक दिन पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की न्यायिक प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश को संज्ञान में लिया था। सु्प्रीम कोर्ट ने कहा था कि लायर्स बॉडी को समझना चाहिए कि उनके इस तरह से बाधा डालने से न्याय व्यवस्था प्रभावित होती है। ऐसे में बार एसोसिएशनों का यह कर्तव्य बनता है कि इस बात का ध्यान रखें कि उनके किसी कदम से आरोपियों या पीड़ित परिवारों की पैरवी करने वाले वकीलों के काम में बाधा नहीं आनी चाहिए। इससे पीड़ित को न्याय मिलेगा।
चार्टशीट से पता चला है कि अभियुक्तों के खिलाफ आरोप बहुत गंभीर
इस संबंध में बार एसोसिएशन कठुआ के अध्यक्ष कीर्ति भूषण महाजन का कहना है कि हमने आठ साल की बच्ची के साथ गैंगरेप मामले में मुफ्त में मुकदमा लड़ने का प्रस्ताव वापस ले लिया है। इसके साथ ही उनका कहना है कि अभियुक्त किसी भी व्यक्ति या वकील को संलग्न करने और अदालत में रक्षा के अपने अधिकारों का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं। बार एसोसिएशन न बचाव पक्ष के रास्ते में आएगा और न ही अभियोजन पक्ष को बाधित करेगा। इसके साथ ही उनका कहना है कि अपराध शाखा पेश की गई चार्टशीट से पता चला है कि अभियुक्तों के खिलाफ आरोप बहुत गंभीर हैं। ऐसे में साफ है कि इस मामले को पेशेवर तरीके से पेश किया जाना है। बार एसोसिएशन के सदस्यों ने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने में अपराध शाखा को कभी बाधित नहीं किया है। वहीं उन्होंने सीबीआई जांच की मांग के समर्थन में आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा जरूर की लेकिन कहा कि इस जांच को अदालत के सामने कानूनी तरीके से पेश किया जाए।
जनवरी में हुआ था कठुआ की 8 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप
बतादें कि बीती 10 जनवरी को कठुआ में 8 साल की बच्ची का अपहरण हो गया था। इसके बाद घरवालों ने उसके अपहरण की पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। 7 दिन बाद बच्ची का शव जंगल से बरामद हुआ। अपहरणकर्ताओं ने बार-बार उसके साथ रेप किया था। इस घटना की जांच करने के लिए 23 जनवरी को अपराध शाखा का एक विशेष जांच दल गठित हुआ था। मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अपराध शाखा ने इस मामले में एक चार्टशीट दाखिल कर दी। मामले ने 9 अप्रैल को तूल पकड़ा जब बार ऐसोसिएशन कठुआ के वकीलों ने इस चार्टशीट का विरोध किया था। इसके बाद से इस मामले में सीबीआई जांच की मांग उठने लगी थी। 10 अप्रैल को जम्मू बंद बुलाया गया था। न्याय की मांग में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इतना ही नहीं इस मामले में बार एसोसिएशन ने आरोपियों का मुकदमा फ्री में भी लड़ने का ऐलान किया था। हालांकि सु्प्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब यह फैसला वापस हो गया है।