इन परिवारों में नहीं होता कोई बूढ़ा, बुजुर्ग होते ही कर देते हैं हत्या
हत्या पर उत्सवपरंपराओं और रीति-रिवाजों के नाम पर बच्चों की हत्या करने की घटनाएं अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। लेकिन अब इस कुप्रथा का शिकार बुजुर्गों को बनाया जा रहा है। ऐसी ही एक परंपरा तमिलनाडु की 'ठलाईकूठल' है, जिसके बारे में सुनकर लोगों को विश्वास नहीं होता और हो भी कैसे, ये है ही इतनी भयानक। ठलाईकूठल एक ऐसी कुप्रथा है, जिसके तहत परिवार के ही लोग बुज़ुर्गों को अपने हाथों से मार डालते हैं। और तो और इस दौरान गांव के अन्य लोग भी मौजूद रहते हैं, इसे वो लोग उत्सव की तरह मनाते हैं।
बुज़ुर्गों की हत्या कर देने वाली इस परंपरा को विदाई देने का एक सम्मानजनक तरीका माना जाता है। इसके तहत जो परिवार बुज़ुर्गों की सेवा नहीं कर पाता वो इस परंपरा के नाम पर उनकी हत्या कर देता है। सबसे अजीब बात यह है कि कभी-कभी तो बुज़ुर्ग खुद ऐसा करने को कहते हैं। वैसे यह परंपरा निभाते समय काफी सतर्कता बरती जाती है ताकि पुलिस को इसकी भनक न लगे। क्योंकि ये कानूनन अपराध है और तमिलनाडु में इस परंपरा पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
बुजुर्गों को मारने के यह हैं तरीके
1. बुज़ुर्ग को मिट्टी मिला पानी पिलाया जाता है, जिससे पेट खराब हो जाता है और उसकी मौत हो जाती है।2. सुबह-सुबह इनको तेल से नहलाने के बाद पूरे दिन कई ग्लास नारियल पानी पिलाया जाता है, जिससे गुर्दे ख़राब हो जाते हैं। और बुज़ुर्ग की दो दिन के अंदर ही मौत हो जाती है।3. बुज़ुर्ग को ठंडे पानी से नहलाया जाता है ताकि उन्हें हार्ट अटैक आ जाए।4. कभी-कभी तो नाक बंद करके दूध पिलाया जाता है, जिससे तुरंत सांस रुक जाती है।Weird News inextlive from Odd News Desk