भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के मौके पर बच्चों को दिल्ली के मानेकशॉ ऑडिटोरियम में संबोधित किया. उन्होंने कहा कि लगभग हर महापुरुष के जीवन में मां और गुरु का योगदान अहम रहा है.


मोदी के भाषण की 12 अहम बातें:- जो साल का सोचते हैं वो अनाज बोते हैं, जो दस साल का सोचते हैं वो फलों के वृक्ष बोते हैं, जो पीढ़ियों का सोचते हैं वो छात्र बोते हैं.- टीचर और बच्चे ही स्कूलों को साफ़ करें, और अफ़सर यदि हफ़्ते में एक दिन कुछ समय स्कूल को दें तो इससे राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण हो सकता है.- दिन में चार बार बच्चों का पसीना निकलना चाहिए. खेल-कूद और मस्ती भी करनी चाहिए.- बच्चों को महान लोगों का जीवन चरित्र पढ़ना चाहिए.- बच्चों को तकनीक से वंचित रखना एक सामाजिक अपराध है.- भारत पूरी दुनिया को अच्छे शिक्षक बनाने का सपना दे सकता है और भारत पूरी दुनिया को टीचर एक्सपोर्ट क्यों नहीं कर सकता?- बालिकाओं की शिक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए. एक लड़की की शिक्षा से दो परिवार शिक्षित होते हैं.


- कहा जाता है कि व्यक्ति का अनुभव ही उसकी सबसे बड़ी शिक्षा है, लेकिन अनुभव भी अच्छी शिक्षा पर ही निर्भर करता है.- बिजली बचाना, अच्छा विद्यार्थी बनना, सफाई जैसी छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना भी एक तरह की देश सेवा है.

- मौसम नहीं बदला, हमारी आदतें बदली हैं. प्रकृति के साथ जीना भूल गए हैं, प्रकृति से छेड़छाड़ करना गलत- राजनीति को पेशे का तरह नहीं लेना चाहिए. इसे सेवा की तरह लेना चाहिए. सेवा का भाव तभी जगता है जब अपनापन होता है.- डिजिटल इंडिया: सभी भाषाओं में छात्रों को आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराना. ये कार्यक्रम मेरी सरकार के लिए एक टेस्ट की तरह है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh