10 क्रिकेटर्स जिन्होंने अचानक रिटायरमेंट लेकर चौंकाया
मिशेल जॉनसन
ऑर्स्टेलिया के इस दिग्गज फास्ट बॉलर ने 2015 में पर्थ में न्यूजीलेंड के खिलाफ सीरिज के दूसरे मैच में अचानक रिटायरमेंट की घोषणा कर दी थी। इस खबर को सुन कर सभी हैरान रह गए थे। लोगों को समझ में ही नहीं आया कि अचानक बीच सीरिज में इस फैसले का क्या मतलब है। कुछ के अनुसार उनकी इंजरी इसका बड़ा कारण रही थी।
महेंद्र सिंह धोनी
कुछ ऐसा ही हुआ था जब 2014 में टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लिया था। उस समय भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ चार टेस्ट मैच की सीरिज खेल रहा था। तीसरे मैच के खत्म होने के बाद धोनी प्रेस कांफ्रेंस में आये तो उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा था। पर उसके तुरंत बाद ही बीसीसीआई ने एक प्रेस रिलीज के जरिए इसकी सूचना देते हुए कहा कि उनका टेस्ट से रिटायरमेंट तत्काल प्रभाव से लागू होगा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और आखिरी टेस्ट मैच में विराट कोहली कप्तानी करेंगे। बाद में टेस्ट मैच ड्रॉ होते ही ड्रेसिंग रूम में धोनी ने संन्यास का एलान किया। रवि शास्त्री के हवाले से एक सूत्र ने बताया कि धोनी का फैसला सुन कर सभी खिलाड़ी सन्न रह गए थे। कोई यह उम्मीद नहीं कर रहा था कि बीच सीरीज में धोनी संन्यास का एलान कर देंगे। धोनी ने ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों के सामने दो मिनट के भाषण में संन्यास की जानकारी दी। इस दौरान वह भावुक हो गए और उनकी आंखें नम हो गईं। साथी खिलाड़ी भी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और उनकी आंखों से भी आंसू निकल आए थे।
हांलाकि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने उनसे भारत के साथ चार मैचों की पूरी सीरिज खेलने के लिए कहा था। इसके बावजूद दूसरे क्रिकेट टेस्ट मैच में खेलने के बाद अगस्त 2014 में महान श्रीलंकाई क्रिकेट खिलाड़ी कुमार संगकारा ने सन्यास की घोषणा कर दी। इस मौके पर उन्हें सर्पोट करने के लिए उनका परिवार, साथी क्रिकेट खिलाड़ी, कोच, श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैथरी पाला और प्रधानमंत्री रानिल विक्रम सिंघे भी मौजूद थे।
अनिल कुंबले
उंगली में लगी चोट के चलते भारत के सबसे शानदार और कामयाब गेंदबाज अनिल कुंबले का करियर बीच में ही रोक दिया। वे उस समय टीम इंडिया के कप्तान थे। 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा टेस्ट दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला जा रहा था। तभी हाथ की चोट के चलते कुंबले को संन्यास लेना पड़ा। खास बात यह है कि दस साल पहले इसी मैदान पर कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच की एक पारी में दस विकेट लिए थे।
इंग्लैंड के इस क्लासिक ऑफ स्पिनर को शानदार करियर के बावजूद निराशाजनक एशेज श्रंखला के बाद अचानक रिटायरमेंट अनाउंस करना पड़ा था। इंग्लैंड के इस ऑफ स्पिनर ने 2013-14 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले तीन मैचों में महज सात विकेट लिए थे। उनकी टीम को हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके तुरंत बाद ग्रेम ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया। ग्रेम टीम को संकट में छोड़कर स्वदेश लौट आए।
डेमियन मार्टिन
ऑस्ट्रेलिया के इस खिलाड़ी को उसकी क्लासिक बैटिंग के लिए जाना जाता है। अपने अचानक लिए रिटायरमेंट के बारे में मार्टिन का कहना था कि उन्होंने अपने से बस एक सवाल किया कि क्या वे अपने आपको ये जवाब दे सकते हैं कि वो खेलना क्यूं जारी रखें हैं और क्या खेलते रहने से उनका सम्मान दोस्तों और खुद उनकी निगाह में बरकरार रहेगा। यदि जवाब सकारात्मक हो तभी खेलना सही है और इसलिए उन्होंने सन्यास ले लिया।
शेन वार्न के बाद ऑस्ट्रलिया के सबसे बेहतरीन लेग स्पिनर माने जाने वाले स्टुअर्ट मैकगिल को भी एक इंजरी के चलते 2008 में अचानक सन्यास लेना पड़ा था।
एलन डोनाल्ड ने 2002 में घरेलू सीरीज के बीच 2002 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो टेस्ट शेष रहते संन्यास का ऐलान कर दिया था। उनका कहना था कि मैं उस स्तर पर पहुंच चुका हूं, जहां चोटिल होने के बाद भी टीम में बने रहकर अपनी टीम और देश को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। इस सीरीज के एक मैच में दक्षिण अफ्रीका को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 360 रन और पारी की हार का सामना करना पड़ा।
किम ह्यूज
80 के दशक में किम ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान थे। उस दौर में उनका बल्ला बुरी तरह नाकाम रहा। तब उन्होंने दस टेस्ट मैचों में महज 19.57 के औसत से 372 रन बनाए थे। उनकी आखिरी टेस्ट सीरीज वेस्टइंडीज के खिलाफ थी, जो घरेलू मैदानों पर खेली गई थी। किम की टीम को 3-1 से हार का सामना करना पड़ा। सिडनी में पांचवां टेस्ट खेला जाना था, लेकिन किम ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज शेन बॉण्ड को 2009 में पाकिस्तान के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज के दौरान उस समय संन्यास लेना पड़ा, जब उनके पेट की मांसपेशी फट गई। शेन ने तब कहा था, पीछे मुडकर देखता हूं तो आभास होता है कि उन्होंने कई इंजरी झेलीं, लेकिन अब इस स्तर पर चोटों को साथ लेकर नहीं खेल पा रहे हैं।