आपने हमेशा मंदिर में भक्‍तों द्वारा दान किए जाने की बात ही सुनी होगी लेकिन हाल ही में नोट बंदी के बाद कुछ बड़े मंदिरों की रीतियां भी बदल गई हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताएंगे जहां पर भक्‍तों का बुलावा है कि वे यहां से नोट ले जाएं। इसके बाद जब उनकी इच्‍छा हो तब मंदिर प्रबंधन को वापस कर जाएं। आइए जानें कहां और कौन से मंदिरों में हो रहा है भक्‍तों का बुलावा...


भगवान का प्रसाद जैसाजी हां हाल ही में सरकार ने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए हैं। जिसका असर एक सामान्य घर के साथ बड़े-बड़े मंदिरों में भी दिख रहा हैं। घरों में तो लोग अपने पुराने नोटों को लाइन में लगकर या दिए हुए समय में बदला रहे हैं, लेकिन मंदिर के खजानों का बुरा हाल है। मुंबई के बड़े जैन मंदिरों में इसका साफ असर दिख रहा है। यहां पर दान से बड़ी संख्या में 500 और 1000 के नोट हैं। जिससे अब मंदिर ट्रस्ट भक्तों को बुला रहे हैं। यहां के कई मंदिरों में लोगों के लिए दान पेटी तक खोल दी गयी है। कहा जा रहा है कि यहां से धन ले जाना भगवान का प्रसाद ले जाने जैसा है।


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कुछ बड़े मंदिरों में हर दिन बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ होती है। जिससे हर दिन यहां आने वाले भक्तों से अपील की जा रही है कि वे यहां से अपनी सुविधा के अनुसार नोट ले जाएं। जिससे कि मंदिर की दान पेटी में पड़े नोट आसानी से बदल जाएं। इसके साथ ही भक्तों से यह कहा जा रहा है कि उनकी जब इच्छा हो तब उन्हें वापस कर जाएं। सबसे खास बात तो यह है कि इन रुपयों को ले जाने में कोई ब्याज भी नहीं वसूला जाएगा। मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधकों का कहना है कि इससे लोगों की जरूरतें पूरी होंगी। वे अपने घरों की बिजली के बिल, बच्चों की फीस आदि सब आसानी से भर सकते हैं। उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

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Posted By: Shweta Mishra