झूठ ने बचाई बच्चों की जान
विक्टोरिया सोटो ने बच्चों को बचाने के लिए हमलावर से झूठ बोला. और इस तरह कई बच्चों की जानें तो बच गईं, लेकिन वो खुद को नहीं बचा सकीं.जांचकर्ताओं का कहना है कि विक्टोरिया ने अपने छात्रों को बचाने के लिए अपनी जान दी.
उन्होंने छात्रों को बाथरूम या अल्मारी में छिपा दिया ताकि वे सुरक्षित रहें और हमलावर से कह दिया कि बच्चे जिम में हैं. शुक्रवार को 20 वर्षीय एक बंदूकधारी ने न्यूटाउन शहर के इस स्कूल में 20 बच्चों और छह वयस्कों की गोलीमार कर हत्या कर दी. पुलिस का कहना है कि हमलावर मौके पर ही मारा गया.हीरोविक्टोरिया के चचेरे भाई जिम विल्सटी ने अमरीकी टीवी चैनल एबीसी न्यूज को बताया, “वो उन्हें बचाने की कोशिश कर रही थीं. उन्होंने बच्चों को छिपा दिया और उन्हें कोई नुकसान नहीं होने दिया. ऐसा करके वो खुद हमलावर का निशाना बन गईं.”
विक्टोरिया सोतो की परिवरिश कनेक्टीकट के स्टैटफोर्ड में हुई और उन्होंने ईस्टर्न कनेक्टीकट स्टेट यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई की. उनके पिता राज्य परिवहन विभाग में काम करते थे जबकि उनकी मांग नर्स हैं.वो 'स्पेशल एजुकेशन' में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही थीं. जिम कहते हैं, “उन्होंने अपनी जान वो करते हुए दी है जिसे वो बहुत प्यार करती थीं.”कनेक्टीकट पोस्ट अखबार के लिए काम करने वाली एन एमातो कहती हैं कि विक्टोरिया किसी नायक से कम नहीं हैं.
वो कहती हैं, “जब उन्हें हमलवार के स्कूल में दाखिल होने के बारे में पता चला होगा तो उन्होंने बच्चों से छिप जाने को कहा होगा. हमलावर को उन्होंने बताया दिया कि बच्चे जिम में गए हैं और उसने फिर विक्टोरिया पर गोलियां चलाईं दी. विक्टोरिया ने झूठ बोल कर अपने छात्रों की जान बचाई. वो वास्तव में एक हीरो थी.”बेटी पर गर्वरॉबिन पार्कर की बेटी भी उन 20 बच्चों में शामिल है जो इस गोलीबारी में मारे गए. आज वो अपने बेटी को याद करते हैं तो उनकी आंखों से आंसू नहीं रुकते.वो बताते हैं, “मेरी बेटी स्कूल में पुर्तगाली भाषा सीख रही थी. हमारी आखिरी बातचीत पुर्तगाली भाषा में हुई थी. जब वो सुबह को उठी तो मैं अपने दफ्तर जा रहा था. उसने मेरा हालचाल पूछा.” रॉबिन कहती है कि उनकी बेटी हर किसी को बारे सिर्फ अच्छी बातें करती थी और उन्हें ऐसी बेटी का पिता होने पर हमेशा गर्व रहेगा.