पंजशीर पर नियंत्रण के लिए भयंकर युद्ध जारी, काबुल पहुंचे पाकिस्तान के ISI चीफ फैज
काबुल (राॅयटर्स)। तालिबानी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया था कि उनके लड़ाकों ने पंजशीर घाटी पर कब्जा कर लिया है। हालांकि विरोधी बलों ने इसका खंडन किया है। तालिबान ने सार्वजनिक रूप से घाटी पर कब्जे की घोषणा नहीं की है। 1996 से 2001 तक जब तालिबान काबुल पर काबिज था तब भी पंजशीर उनके विरोध में खड़े थे। तीन सप्ताह पहले अमेरिका के जाने के बाद तालिबान का एक बार फिर से काबुल पर नियंत्रण स्थापित हो गया है।तालिबानी लड़ाकों को पीछे धकेलने का दावा
तालिबान का विरोध करने वाला स्थानीय नेता अहमद मसूद के नेतृत्व में नेशनल रजिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान ने कहा कि तालिबानी लड़ाके दरबंद की पहाड़ियों तक पहुंच गए थे। यह इलाका पंजशीर तथा कपिसा प्रांत के बीच पड़ता है। वहां से हमने उन्हें पीछे धकेल दिया है। फ्रंट के प्रवक्ता फहीम दस्ती ने एक ट्वीट में कहा कि अफगानिस्तान का सुरक्षातंत्र अभेद्य है। मसूद ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा है कि पंजशीर अब भी मजबूती से लड़ रहा है।आईएसआई चीफ तालिबानी सेना के पुनर्गठन में करेंगे मदद
काबुल तथा इस्लामाबाद के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद शनिवार को काबुल के लिए रवाना हो गए। अभी यह साफ नहीं हो सका है कि आईएसआई प्रमुख का काबुल यात्रा का एजेंडा क्या है। हालांकि पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले कहा था कि पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के चीफ हमीद तालिबानी सेना के पुनर्गठन में मदद करेंगे।अफगानिस्तान में तालिबान सरकार का गठन अगले सप्ताहतालिबान सूत्रों ने बताया कि नई सरकार की घोषणा अगले सप्ताह तक के लिए टाल दी गई है। तालिबान के सह संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर नई सरकार के मुखिया बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। कतर के चैनल अल जजीरा पर कहा गया है कि नई सरकार में सभी अफगानियों काे प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। तालिबान की पूरी कोशिश रहेगी कि वह लाेगों के जीवन में बेहतरी लाए। सरकार लोगों को सुरक्षा मुहैया कराएगी क्योंकि आर्थिक विकास के लिए यह बहुत जरूरी है।