बॉलीवुड में आमतौर पर एडल्‍ट मूवीज की भरमार लगी रहती है. ऐसे बहुत कम डायरेक्‍टर होंगे जो इस मसाला टॉपिक से हटकर बच्‍चों के लिये मूवी तैयार करें. साल 2014 को देखा जाये तो एक भी फिल्‍म बच्‍चों के लिये नहीं बनाई गई. फिलहाल नये साल की शुरुआत में बच्‍चों को कुछ तोहफा मिला डायरेक्‍टर सुनील प्रेम व्‍यास ने बच्‍चों को ध्‍यान में रखते हुये 2 जनवरी को अपनी फिल्‍म 'Take It Easy' को रिलीज किया जोकि पैरेंट्स द्वारा अपने बच्‍चों पर बनाये गये प्रेशर का इम्‍पैक्‍ट सबके सामने लाती है. तो आइये पढ़ें क्‍या कहता है रिव्‍यू...

बच्‍चों पर कितने सीरियस हैं हम
समाज में अगर सबसे सच्‍चे इंसान की बात की जाये, तो सबसे पहला नाम बच्‍चों का आता है. वहीं दूसरी ओर बच्‍चो को हम मिट्टी का बर्तन भी कहते हैं, इन्‍हें जिस परिस्‍िथति में ढाला जाये ये वैसे ही बन जाते हैं. अब ऐसे में हमारे सामने सबसे बड़ा सवाल आता है कि, जब समाज को प्रभावित करने में बॉलीवुड का इतना महत्‍व होता है तो हम इसका उपयोग बच्‍चों पर क्‍यों नहीं करते हैं. आमतौर पर हम मसाला मूवीज बनाकर बड़ों को तो एंटरटेन कर देते हैं, लेकिन आप उन बच्‍चों के बारे में सोचिये जिन्‍हें न तो एडल्‍ट मूवीज देखने दिया जाता है और अगर कहीं देख भी लेते हैं, तो इसका गलत इम्‍पैक्‍ट पड़ता है. फिलहाल यह एक बहस का मुद्दा है. हालांकि कभी-कभार ऐसी मूवीज देखने को मिल जाती हैं, जिसमें बच्‍चों को कुछ संदेश मिले. ऐसी ही एक फिल्‍म है Take It Easy. डायरेक्‍टर सुनील प्रेम व्‍यास ने बहुत ही अच्‍छा प्रयास किया है. उनका यह प्रयास सराहना के काबिल है.
Take It Easy
U: Drama
Dir: Sunil Prem Vyas
Cast: Prasad Reddy, Yash Ghanekar, Vikram Gokhale, Anang Desai


आखिर बच्‍चों को क्‍या सिखाते हैं हम
सुनील व्‍यास ने अपनी इस मूवी के जरिये उन पैरेंट्स को एक संदेश दिया है, जो अपने बच्‍चों पर करियर को लेकर प्रेशर बनाते हैं. वहीं अगर दूसरे नजरिये से देखा जाये तो सुनील व्‍यास ने एक बहुत ही गंभीर मुद्दा उठाया है. इस मूवी में दो बच्‍चों को दिखाया गया है, जो एक अच्‍छे दोस्‍त थे लेकिन पैरेंट्स ने उन्‍हें एक कंपटीटर बना दिया. हालांकि समाज में आपको ऐसे बहुत से पैरेंट्स मिल जायेंगे जो अपने बच्‍चों पर पढ़ाई में अच्‍छे नंबर लाने या खेल में नंबर वन बनने के लिये प्रेशर बनाते हैं. यहां तक कि बच्‍चों का बड़े होकर क्‍या बनना है, यह बच्‍चे नहीं बल्कि उनके पैरेंट्स तय करते हैं. फिलहाल सुनील व्‍यास की यह मूवी ऐसे पैरेंट्स को सोचने पर मजबूर कर देती है.
सेकेंड हॉफ है जबर्दस्‍त
अब अगर इस फिल्‍म के डायरेक्‍शन की बात करें, तो इसमें सुनील व्‍यास ने अपना 100 परसेंट दिया है. हालांकि उनकी यह मेहनत रंग भी लाई. बच्‍चों पर आधारित हमने साल 2007 में आई तारे जमीं पर को देखा था, जोकि काफी अच्‍छी मूवी थी. वैसे Take It Easy भी कुछ इसी तरह की फिल्‍म है, जोकि लो-बजट पर बनाई गई है. इस मूवी का फर्स्‍ट हॉफ थोड़ा स्‍लॉपी होगा लेकिन सेकेंड हॉफ काफी इंट्रेस्टिंग है. फिल्‍म के एक्‍टर यश घानेकर और प्रसाद रेड्डी ने बिग स्‍क्रीन पर काफी अच्‍छी परफार्मेंस दी है. फिलहाल ओवरऑल देखा जाये तो यह मूवी एक बार तो देखने लायक है. अगर आप रिपीटेड मसाला फिल्‍मों से ऊब गये हैं, तो Take It Easy आपको काफी रिलैक्‍स कर सकती है.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari