तेलगु और तमिल में बनी गेम ओवर का हिंदी वर्जन आज रिलीज किया गया। ट्रेलर इंटरेस्टिंग था और बहुत ग्रिपिंग था कैसी है फिल्म आइये जानते हैं। साइकोलॉजिकल ट्रॉमा से गुज़र रही एक वीडियोगेम डिज़ाइनर की कहानी है जो प्रेडेटर्स का सामना कर रही है।

रेटिंग : 3 स्टार
समीक्षा :
समझ समझ की बात है, इस कहानी को समझ पाना थोड़ा मुश्किल है, समझ मे नहीं आया कि क्राइम थ्रिलर है या सुपरनेचुरल स्टोरी है या फिर एक सिम्पल हॉरर स्टोरी। विलेन की शक्ल देखने को नहीं मिलती, मंसूबे पता नहीं चलते और ये सब क्यों हो रहा है इसका जवाब अंत मे भी नहीं मिलता। मुझे रह रह कर इस फिल्म को देख के रामगोपाल वर्मा की 'कौन' याद आ रही थी। टैटू की माया भी कंफ्यूजिंग थी। अगर मैं बहुत दिमाग लगा के सोचूं तो ये कह सकता हूँ मेरे हिसाब से ये एक हिम्मती लड़की को दूसरी हिम्मती लड़की को सुपरनेचुरल मदद करने की कहानी है। फिल्म शुरू बहुत बढ़िया तरीके से होती है और फिर खो जाती है। फर्स्ट हाफ बेहद रेपीटीटिव है इस कारण से बोर है। फिल्म की खराब एडिटिंग इसकी सबसे बडी दुश्मन है।

I am late to seeing trailer but it's not the end..@taapsee You are really really great actor..watching you again in Cinema will be also awesome..https://t.co/DSw53mKB3j#GameOver #Youhaveseennothinglikethis @RelianceEnt

— Kukuslove (@kukuslove) June 14, 2019


क्या अच्छा है:
सेकंड हाफ बेहतर है, कुछ शॉकिंग मोमेंट हैं जो काफी इम्पैक्टफुल हैं और यही कारण है कि एन्ड में आपका दिल खट्टा नहीं होता। फिल्म का साउंड डिजाइन बढ़िया है और फिल्म अच्छे से शूट की गई है।
अदाकारी :
इस फिल्म में दो प्रमुख किरदार हैं, तापसी और विनोदिनी। विनोदिनी ने बहुत ही बढ़िया काम किया है पर अगर आप कंफ्यूसिंग कहानी के बावजूद एन्ड तक बैठ पाते हैं तो उसका बहुत बड़ा कारण है तापसी जो कि हर फ्रेम में अपने करैक्टर में रहती हैं। बहुत ही कंपोज्ड पेरफाॅर्मेंस है।
कुलमिलाकर ये फिल्म अबव एवरेज है। सेकंड हाफ ही एक्चुअल फिल्म है, फर्स्ट हाफ बस वक्त की बर्बादी है, अगर फिर भी एक ठीक-ठाक सी थ्रिलर देखने के मूड में हो तो ये फिल्म जाके देख सकते हैं।

 


Yohaann Bhaargava

 

 

Posted By: Vandana Sharma