'समझौते' से सीरिया ख़ुश, अमरीका-फ़्रांस आशंकित
रूसी न्यूज़ एजेंसी रिया नोवोस्ती को दिए एक इंटरव्यू में सीरियाई मंत्री अली हैदर ने समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि इसके बाद सीरिया संकट से उबर पाएगा.उन्होंने कहा कि यह समझौता सीरिया के ख़िलाफ़ युद्ध से भी बचाएगा.यह सीरिया की जीत है.लेकिन अमरीका और फ्रांस ने इस समझौते पर आशंकाएं प्रकट की हैं. हालांकि इस्राइल ने समझौता के स्वागत किया है.समझौताफ़्रांस के राष्ट्रपति फ़्रांस्वॉ ओलांद ने कहा कि रासायनिक हथियार नष्ट करने के लिए अमरीका और रूस के बीच हुए समझौते के बाद भी सीरिया पर सैन्य कार्रवाई का ख़तरा बना हुआ है.उन्होंने कहा सीरिया पर इस समझौते का पालन करने के लिए दबाव बनाए रखना ज़रूरी है.एक टीवी चैनल से बातचीत में समझौते को महत्वपूर्ण कदम बताते हुए ओलांद ने उम्मीद जताई कि इस विषय पर इस हफ्ते के अंत तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान हो सकता है.
अमरीका में रिपब्लिकन सांसद जॉन मैकेन ने इस समझौते को लेकर रूस की गंभीरता पर सवालिया निशान लगाए हैं.मैकेन का कहना है कि यह विश्वास का मामला नहीं है. सवाल यह है कि यह समझौता लागू होगा भी कि नहीं.
मैकेन कहते हैं, "रूसी विदेश मंत्री सरगेई लावरोव ने कहा है कि इस समझौते में बलप्रयोग की बात नहीं है. इसका मतलब ये है कि चाहे बशर अल असद जो करें रूसी बलप्रयोग के लिए राजी नहीं होंगे."
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद के ख़िलाफ़ 2011 से जारी लड़ाई में अब तक एक लाख से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है.वहीं इस्राइली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने समझौते पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.येरूशलम में अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी के साथ एक साझा पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सीरिया को रासायनिक हथियारों से वंचित करना ज़रूरी है.