भारत ने भी हाल में स्विट्जरलैंड के साथ दोहरा कराधान बचाव संधि के संशोधित प्रोटोकाल पर दस्तखत किए हैं. भारत को अनुमोदित दस्तावेज के लिए 100 दिन का इंतजार करना था जिसकी समयसीमा छह अक्तूबर को समाप्त हो रही है.


एक नजर स्विस सिटी पर मुंबई का झावेरी बाजार आभूषणों की दुकानों के लिए लोकप्रिय है, तो दिल्ली के चांदनी चौक में साडिय़ों के सैकड़ों व्यापारी मिल जाएंगे. इसी तरह स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख शहर की गली-गली अपनी गोपनीयता के लिए विश्वविख्यात स्विस बैंकों से भरी है. कोई भी संघीय सरकार या एजेंसी सामान्य परिस्थितियों में इन बैंकों के खातों की जानकारी हासिल नहीं कर सकती है. इनके लोकप्रिय नंबर वाले खातों में खातेधारक को सिर्फ नंबर से जाना जाता है. इसके अलावा ये बैंक उच्च सुरक्षा वाले लॉकरों की पेशकश भी करते हैं.बदल रही है स्थिति 


हालांकि, अब स्थिति कुछ बदलती दिख रही है. कई देशों की सरकारें स्विट्जरलैंड से अपने नागरिकों के खातों के बारे में जानकारी पाने के लिए बात कर रही हैं. भारत ने भी हाल में स्विट्जरलैंड के साथ दोहरा कराधान बचाव संधि के संशोधित प्रोटोकाल पर दस्तखत किए हैं. हालांकि इस करार पर दस्तखत काफी पहले हो चुके हैं, पर भारत को अनुमोदित दस्तावेज के लिए 100 दिन का इंतजार करना होगा. इसके बाद स्विट्जरलैंड और भारत के बीच पत्रों का आदान प्रदान होगा.  100 दिन की यह सीमा छह अक्तूबर को समाप्त हो रही है. 

भारत ने कल स्विट्जरलैंड के साथ वित्तीय वार्ता पर सहमति ज्ञापन एमओयू पर दस्तखत किए हैं. इससे दोनों देशों के कर विभागों के बीच सहयोग बढ़ाया जा सकेगा.

Posted By: Divyanshu Bhard