डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए शासन को लिखा पत्र, स्वीपर निलंबित
- सीसीटीवी फुटेज में अस्पताल प्रबंधन की खुली पोल
- इलाज के अभाव में गर्भवती की हो गई थी मौत, जांच को सीएमएस ने भेजा पत्र बरेली : गर्भवती महिला की इलाज के अभाव में हुई मौत के मामले में जिला अस्पताल की टीम ने जांच पूरी कर ली है. जांच में दोषी पाए जाने पर इमरजेंसी वार्ड में तैनात स्वीपर को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही फार्मासिस्ट को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है. डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है. क्या था मामला रामगंगा के पास गांव चौबारी निवासी मनोज की गर्भवती पत्नी ममता की इलाज नहीं मिलने के कारण महिला अस्पताल में मौत हो गई थी. सुबह दस बजे अस्पताल आने के बाद उसे महिला व पुरुष अस्पताल के बीच चक्कर लगवाते रहे, लेकिन इलाज नहीं दिया. सीसीटीवी से खुली पोलदैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो एडी हेल्थ ने दो जेडी की टीम से जांच शुरू करवाई. वही, जिला पुरुष अस्पताल में अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डॉ. केएस गुप्ता ने तीन डॉक्टरों से जांच करवाई. टीम ने सीसीटीवी फुटेज देखे. उसमें सफाई कर्मचारी नरेंद्र, डॉक्टर हरीश चंद्रा व फार्मासिस्ट अंकित यादव दोषी पाए गए.
दोषी मिलने पर हुई कार्रवाई
जांच में दोषी पाए जाने पर एडीएसआइसी ने स्वीपर नरेंद्र को निलंबित कर दिया. फार्मासिस्ट अंकित यादव को इमरजेंसी से हटाकर डिस्पेंसरी में कर दिया है. उनके खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि भी की गई है. वही, डॉक्टर हरीश चंद्रा के खिलाफ शासन से कार्रवाई की संस्तुति की गई है. एडीएसआइसी ने मामले में महिला अस्पताल स्टाफ की भी लापरवाही पाए जाने पर सीएमएस को जांच कराकर कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा है. वर्जन जांच में दोषी पाए गए स्वीपर को निलंबित किया है. फार्मासिस्ट को हटाकर प्रतिकूल प्रविष्टि दी है. डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है. डॉ. केएस गुप्ता, एडीएसआइसी