इंडियन कारों में कौन सी कार में ड्राइविंग सबसे ज्‍यादा सुरक्षित है और किसमें नहीं है. इसको लेकर हाल ही में कराए गए क्रैश टेस्‍ट में मारुति सुजुकी स्विफ्ट और निसान की दात्‍सुन गो कार फेल हो गईं. इससे पहले इस साल की शुरुआत में कई भारतीय कारें ऐसे टेस्‍ट का पास करने में नाकाम रही थीं. कंज्‍यूमर कार सेफ्टी टेस्‍ट‍िंग की संस्‍था ग्‍लोबल NCAP की ओर से यह टेस्‍ट कराया गया था. संस्‍था ने इन दोनों कारों के टेस्टिंग में फेल होने का दावा किया है.

क्या है NCAP का कहना
NCAP का कहना है कि अब भारत दुनिया में पैसेंजर कारों का पांचवां बड़ा प्रोड्यूसर बन गया है. वहीं इन टेस्ट में यह साबित हो गया है कि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य सेफ्टी नॉर्म्स अपनाने चाहिए. इसी के साथ मारुति की Swift भारत में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा बिकने वाली कार है, जबकि GO अभी इस ऊंचाई पर पहुंचने से कुछ ही दूर है. ऐसे में इन कारों में सुरक्षा की विशेष सुविधा होने पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना होगा. संस्था की ओर से जानकारी दी गई है कि इन दोनों ही मॉडल्स में सेफ्टी एअरबैग्स और एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम में डिफेक्ट होने के कारण्ा इन्हें फेल किया गया है. इनके साथ ही NCAP ने लैटिन अमेरिका से संबद्ध Swift variant को भी टेस्ट में शामिल किया. इसे टेस्ट में थ्री स्टार्स मिले हैं.        
भारतीय ग्राहकों को भी देना होगा ध्यान
NCAP के चेयरमैन मैक्स मोसले का कहना है कि भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में वर्ल्ड लीडर बनने की क्षमता है. फिर भी भारतीय ग्राहक गाड़ी लेते समय इस बात पर जरा भी ध्यान नहीं देते कि वे उस गाड़ी में कितने सुरक्षित होंगे. उन्होंने बताया कि वह खुश हैं कि भारत एक एनसीएपी कंज्यूमर टेस्टिंग प्रोग्रामिंग लॉन्च कर रहा है. अगर ऐसा होता है तो भारत में सभी कार में एक प्रॉपर क्रैश स्ट्रक्चर और एअरबैग्स होंगे.   
इंडियन मैन्युफैक्चरर्स का क्या है कहना
हालांकि मैन्युफैक्चरर्स का कहना है कि यहां बिकने वाली सभी कारों में भारत में लागू सभी सेफ्टी स्टैंडर्ड का पालन किया गया है. उन्होंने बताया कि इन्हीं सेफ्टी स्टैंडर्ड के हिसाब से कारें तैयार की जाती हैं. उनका यहां से एक्सपोर्ट भी किया जाता है. वहीं निसान इंडिया के ऑपरेशन प्रेसिडेंट Guillaume Sicard ने सफाई देते हुए कहा कि दात्सुन गो में भी भारत में लागू सभी सेफ्टी स्टैंडर्ड का पालन किया गया है. ठीक इसी मोड में मारुति सुजुकी ने भी अपनी सभी कारों में भारतीय मानकों के अनुसार सेफ्टी स्टैंडर्ड का पालन होने की सफाई दी है.  
 
खामियों पर एक नजर गहराई से
गौरतलब है कि मारुति स्विफ्ट को 64 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर सामने से होने वाली टक्कर के परीक्षण में जीरो स्टार रेटिंग मिली है. वहीं दात्सुन गो भी इस टेस्ट में नाकाम ही रही. हालांकि इसे टू स्टार रेटिंग मिली है. इससे पहले इस साल जनवरी में टाटा नैनो, मारुति सुजुकी आल्टो 800 और ह्युंडई i10 ग्लोबल एनसीएपी क्रैश टेस्ट में नाकाम रहीं थीं.

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Posted By: Ruchi D Sharma