इस देश में कूड़े की भारी कमी, आठ देशों से मंगवाया जा रहा
1991 में स्वीडन ने जैविक ईंधन के इस्तेमाल पर भारी टैक्स लगाया था, जिसके बाद से लोग धीरे-धीरे प्रकृतिक ऊर्जा साधनों और रीसाइकलिंग पर जोर देने लगे। स्वीडन के लोग प्रकृति के महत्व को समझते हैं और उसी को ध्यान में रखकर चीजों का इस्तेमाल करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि स्वीडन के घरों में सिर्फ 1 प्रतिशत कचरा ही फेंका जाता है। उन्हें कचरे के सही इस्तेमाल का तरीका बताया जाता है। वहां निजी कंपनियां कचरा निर्यात और जलाने को काम देखती है। स्वीडन में कचरे से ऊरंजा का निर्माण किया जाता है, जिससे पैदा हुई ऊर्जा नेशनल हीटिंग नेटवर्क में जाती है, जिससे कड़ी ठंड के दिनों में घरों में बिजली पहुंचाई जाती है।यह भी पढ़ें : सुअर ने पैदा किया बंदर का बच्चाWeird News inextlive from Odd News Desk