स्वरा बोलीं 'परसेप्शन के मामले में जीते जेएनयू स्टूडेंट्स', सपोर्ट में की दीपिका की तारीफ
मुंबई (मिड-डे)। ट्यूज्डे की शाम जब दीपिका पादुकोण 'जवाहरलाल नेहरू युनिवर्सिटी (जेएनयू)' पहुंची थीं तो भले ही उन्होंने वहां पर कोई बयान न दिया हो लेकिन उनका 'जेएनयू' के स्टूडेंट्स के साथ खड़े रहने का फैसला एक बड़ा मैसेज जरूर दे गया कि वह उन स्टूडेंट्स के साथ हैं। अपने एक कदम से इस एक्ट्रेस ने यह दिखा दिया कि वह बॉलीवुड के उन बड़े स्टार्स की लिस्ट में शामिल नहीं हैं जिन्होंने चुप रहने के कल्चर को खड़ा किया है।क्या दीपिका को भी बोलेंगे 'अर्बन नक्सल'?
'जेएनयू' की स्टूडेंट रह चुकीं स्वरा भास्कर, जो अनुराग कश्यप, अनुभव सिन्हा, दिया मिर्जा, जोया अख्तर, रिचा चड्ढा जैसे सेलेब्रिटीज के साथ लगातार युनिवर्सिटी पर हुए हमले की निंदा कर रही हैं, दीपिका के इस कदम को लेकर कहती हैं, 'यह न सिर्फ 'जेएनयू' के स्टूडेंट्स बल्कि इंडिया में मौजूद पीसफुल प्रोटेस्टर्स और पोलिटिकल डिसेंटर्स, जिन्हें 'एंटी-नेशनल', 'टुकड़े टुकड़े गैंग' और 'अर्बन नक्सल' बताया जाता है, के लिए भी परसेप्शन की बड़ी जीत है। इंडिया की सबसे बड़ी फीमेल स्टार ने डिसेंटर्स के पीछे अपनी क्रेडिबिलिटी रख दी है। जब रिचा चड्ढा, जीशन अय्यूब और मेरे जैसे लोग इस मूवमेंट पर बोल रहे थे तो हमें अलग-अलग नामों से बुलाया गया। क्या अब वे दीपिका पादुकोण को 'अर्बन नक्सल' बोलेंगे?'
मूवी के 'बायकॉट' की भी उठने लगी मांगदीपिका को जहां इंडस्ट्री से बहुत सारा प्यार मिला वहीं उन्हें बहुत सारी नफरत का भी सामना करना पड़ा। उनके 'जेएनयू' जाने की खबर सामने आने के बाद ही ट्विटर पर 'बायकॉट छपाक' नाम का हैशटैग ट्रेंड करने लगा था। एक तरफ जहां अनुराग कश्यप ने इस एक्ट्रेस की यह कहते हुए तारीफ की है कि उन्होंने देश में फैले डर को पहचाना है, वहीं दीपिका पर सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स के जरिए जहरीले कमेंट्स की बारिश भी हो गई है।'स्टैंड लेने और न लेने वाले, दोनों के साथ हंू'फिल्ममेकर निखिल आडवाणी, जिन्होंने मुंबई में 'सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए)' को लेकर रैली निकालने में अहम रोल निभाया था, ने पहली बार प्रोड्यूसर बनीं दीपिका को लेकर कहा, 'दीपिका ने जो किया है वह बहुत हिम्मत का काम है। मैं हर उस शख्स की इज्जत करता हूं जो स्टैंड लेता है और उनके साथ भी जो चुप रहते हैं, यह पर्सनल च्वॉइस है।' जब उनसे पूछा गया कि क्या इस एक्ट्रेस के स्टैंड का उनकी मूवी छपाक पर बुरा असर पड़ेगा, तो निखिल ने कहा, 'लोग इसे देखने या बायकॉट करने के लिए आजाद हैं। हम एक डेमोक्रेसी में रहते हैं।'hitlist@mid-day.com
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