म्‍यांमार के संविधान में किसी भी प्रकार के संशोधन की संभावना न होने के कारण आंग सान सू की पिछली बार की ही तरह इस बार भी म्‍यांमार में राष्‍ट्रपति चुनाव नहीं लड़ सकेंगी. श्वे मान की इस तरह की टिप्‍पणी ने राजनीतिक हल्‍कों में हलहच मचा कर रख दी है. गौरतलब है कि संसद के स्‍पीकर श्वे मान और सू दोनों ही राष्‍ट्रपति पद के प्रबल दावेदार हैं. उनकी इस तरह की टिप्‍पणी से यहां राजनीतिक गलियारे में खासी गहमागहमी है.

क्या है जानकारी
जानकारी है कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की इस बार भी म्यांमार में राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ सकेंगी. संसद के स्पीकर श्वे मान ने इस बाबत बताया कि म्यांमार के संविधान में अगले चुनाव से पहले संशोधन की कोई संभावना नहीं है. उन्होंने बताया कि संविधान में संशोधन न होने की स्थिति में सू की के लिए चुनाव लडऩा किसी भी कीमत पर संभव नहीं है.
टिप्पणी से राजनीतिक गलियारे में बढ़ सकता है विवाद
वर्तमान संविधान के अनुसार सू की राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ सकती. इतना ही नहीं इसमें सेना को वीटो शक्ति भी दी गई है. श्वे मान और सू की दोनों राष्ट्रपति पद के दावेदार हैं. मान ने कहा कि वर्तमान संविधान में संशोधन का कोई भी कदम नई सरकार ही कर सकेगी. चुनावों से पहले यह संभव नहीं है. मान की इस टिप्पणी से राजनीतिक गलियारे में विवाद बढऩे की आशंका है. मान ने अपनी टिप्पणी में कहा कि वर्तमान राजनीतिक और प्रशासनिक परिस्थितियों को देखते हुए फिलहाल संविधान संशोधन जैसा कोई कदम हम नहीं उठा सकते. इस पर सू की पार्टी नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी ने कहा है कि श्वे मान को इस तरह का बयान देने का कोई अधिकार नहीं है.

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Posted By: Ruchi D Sharma