इराक में बंधक बनाए गए भारतीयों की मौत की खबर पर विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने आज सदन में सरकार का पक्ष रखा. विदेश मंत्री ने कहा इराक में बंधक बनाए गए भारतीयों के मारे जाने के कोई सुबूत नही मिले हैं. इस मामले से जुड़े तथ्‍य विदेश मंत्रालय के पास सुरक्षित हैं.


इराक में भारतीय बंधकों पर सुषमा स्वराज का बयानविदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक में भारतीयों बंधकों के संबंध में कहा कि इराक में भारतीय बंधकों के मारे जाने के कोई सुबूत नही मिले हैं. उन्होंने कहा कि इस बारे में सभी तथ्य विदेश मंत्रालय के पास हैं. इसके साथ ही स्वराज ने कहा कि टीवी चैनल के पास सिर्फ एक सूत्र है जिसने बंधक भारतीयों के मारे जाने की बात कही है. लेकिन विदेश मंत्रालय के अलग-अलग सूत्रों ने कहा है कि बंधक भारतीय जिंदा हैं. इसके साथ ही सुषमा स्वराज ने कहा कि सदन यह बताए कि क्या विदेश मंत्रालय आईएस के कब्जे से भाग निकले भारतीय हरजीत मसीह की बात पर भरोसा करके क्या बंधक भारतीयों की तलाश छोड़ दी जाए. गौरतलब है कि विदेश मंत्री ने इस बात को दोहराया कि वह रोजाना स्तर पर इस मामले पर नजर रख रही हैं.


क्या है टीवी चैनल की रिपोर्ट

एक टीवी चैनल ने गुरुवार शाम इराक में बंधक बनाए गए पंजाबियों को आतंकियों द्वारा मार दिए जाने की खबर चलाई. इसके बाद से बंधकों के परिजनों की चिंता बढ़ गई है. परिजनों ने भारत सरकार से अगवा पंजाबियों के बारे में सही जानकारी देने की मांग की है. गौरतलब है कि इराक में कैद 39 भारतीय बंधकों में से ज्यादातर पंजाब के हैं. अगवा नौजवानों की अपने परिजनों से जून के मध्य में अंतिम बार बात हुई थी तब से परिजन दिल्ली में विदेश मंत्रालय का चक्कर भी कई बार लगा चुके हैं. उनका कहना है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें आश्वासन दिया था लेकिन अब उनकी नींद हराम हो गई है. नौजवानों के बंधक बनाए जाने के कुछ दिनों बाद खबर आई थी कि इन बंधकों में से एक गुरदासपुर के गांव काला अफगाना निवासी हरजीत मसीह आतंकियों के चंगुल से फरार हो गया था. उसकी ओर से खबर दी गई थी कि अगवा पंजाबियों को आतंकियों ने मार दिया है, लेकिन बाद में कुछ पता नहीं चला.एंबेसी में सुरक्षित कपूरथला का बंधक

इराक में बंधकों की पकड़ से बचकर भागे हरजीत की मां शिंदर मसीह ने बताया है कि दस दिन पूर्व हरजीत की बात चचेरे भाई रोबिन मसीह के साथ हुई है. इस बातचीत में हरजीत ने बताया था कि वह एंबेसी में सुरक्षित है. एंबेसी के अधिकारियों ने उसे भरोसा दिया है कि दस दिसंबर तक उसे भारत भेज दिया जाएगा. दूसरी तरफ इराक में अगवा कपूरथला के गांव मुरार निवासी भुबिंदर सिंह राणा के भाई दविंदर का कहना है कि हरजीत तो शुरू से ही कह रहा था कि सभी अगवा भारतीयों को आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया था लेकिन भारत सरकार के भरोसे पर उनकी दुनिया आबाद है.बांग्लादेशियों ने किया दावाटीवी चैनल ने यह खबर दो बांग्लादेशी नागरिकों शफी और हसन के इंटरव्यू के आधार पर प्रसारित की है. टीवी चैनल ने कुर्दिस्तान की राजधानी इरबिल में इन बांग्लादेशी नागरिकों से बातचीत की. इन नागरिकों के अनुसार आईएसआईएस के चंगुल से बचकर निकले भारतीय वर्कर हरजीत ने उन्हें बताया कि उसने अपने साथियों की हत्या होते देखी. शफी ने बताया कि वे मोसुल से बगदाद की यात्रा पर थे, जब आईएसआईएस के आतंकियों ने उन्हें अगवा कर लिया. अगवा लोगों में 51 बांग्लादेशी और 40 भारतीय शामिल थे. हरजीत ने शफी को 15 जून को बताया कि आईएसआईएस के आतंकी सभी 40 भारतीयों को अपने साथ पहाड़ी इलाकों में ले गए, जहां सभी को गोली मार दी गई. हरजीत को भी दो गोलियां लगीं, लेकिन उसने मरने का नाटक किया. हरजीत से भारतीय खुफिया एजेंसियां पूछताछ करती रही हैं, लेकिन उन्हें उसके दावे पर कम ही भरोसा है.

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Posted By: Prabha Punj Mishra