पहलवान सुशील कुमार के मीडिया ट्रायल को लेकर लगाई गई अर्जी को हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया है। कोर्ट का कहना है कि यह मामला जनहित याचिका के तहत नहीं उठाया जा सकता है। अगर दिक्कत है तो शिकायत दर्ज कराएं।

नई दिल्ली (एएनआई)। दिल्ली हाई कोर्ट ने सुशील कुमार की मां द्वारा दायर की गई एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार करने से इनकार कर दिया। इस याचिका में कहा गया था कि मीडिया ट्रायल को रोका जाए और अभियुक्तों के अधिकारों पर विचार करके आपराधिक मामलों में रिपोर्टिंग के लिए मानक नियम बनाने की मांग की गई थी। साथ ही पहलवान सुशील कुमार के खिलाफ मामले में सनसनीखेज रिपोर्टिंग रोकने को कहा गया था। मगर कोर्ट ने इस अर्जी को ठुकरा दिया।

कोर्ट ने ठुकराई अर्जी
न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता और कानून के छात्र शरीकांत प्रसाद की दलील पर सुनवाई के बाद कहा, "हमें इस मामले पर विचार करने का कोई कारण नहीं दिखता है। अगर कोई पक्ष नाराज है, तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है और शिकायत कर सकता है। इस विशेष मामले को जनहित याचिका में नहीं उठाया जा सकता है।" याचिकाकर्ता श्रीकांत प्रसाद ने कोर्ट के फैसले से पहले ही मीडिया को उन्हें दोषी घोषित करने से रोकने की भी मांग की।

सुशील का वकील भी खिलाफ
याचिकाकर्ता कानून की छात्रा ने याचिका की प्रति में कमला देवी (सुशील कुमार की मां) को भी एक याचिकाकर्ता के रूप में नामित किया, जिस पर सुशील कुमार के वकील ने आपत्ति जताई, जिन्होंने कहा कि उनकी मां ने इस जनहित याचिका के लिए कोई सहमति नहीं दी थी। याचिका में उन लोगों पर शिकंजा कसने के लिए एक कमेटी शुरू करने की मांग की गई है, जो अभियुक्त के निजता के अधिकार का उल्लंघन करके मीडिया को हर जानकारी लीक कर रहे थे।

यह है पूरा मामला
दिल्ली की एक अदालत ने 23 वर्षीय पहलवान सागर धनखड़ की मौत के कारण छत्रसाल स्टेडियम विवाद मामले में पहलवान सुशील कुमार को रविवार को रिमांड पर लिया। दिल्ली पुलिस के विशेष टीम ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के मुंडका इलाके से 38 वर्षीय पहलवान सुशील कुमार, हत्या के मुख्य संदिग्ध और उसके सहयोगी अजय बक्करवाला को गिरफ्तार किया। बता दें 4 मई को छत्रसाल स्टेडियम में सागर धनखड़ की कथित हत्या के मामले में कुमार और अन्य के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने मामले के सिलसिले में सुशील कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari