भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स आज अपना 54वां जन्मदिन मना रही हैं। आइए आज भारतवंशी सुनीता विलियम्स के जन्‍मदिवस पर जानें उन जुड़ी खास बात...


कानपुर। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स आज अपना 54वां जन्मदिन मना रही हैं। नासा की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, सुनीता विलियम्स का जन्म अमेरिका के ओहियो राज्य के यूक्लिड शहर में 19 सितंबर, 1965 में हुआ था। बताया जाता है कि उनके पिता डॉ. दीपक पंड्या 1964 में भारत से अमेरिका चले गए थे। उनकी माता बोनी पंड्या स्लोवेन-अमेरिकी मूल की हैं। सुनीता की फैमिली मूल रूप से गुजरात के मेहसाना जिले के झुलासन से ताल्लुक रखती है। सुनीता ने माइकल नाम के एक अमेरिकी व्यक्ति से शादी की है।दो बार अंतरिक्ष में गईं सुनीता विलियम्स
बताया जाता है कि सुनीता की मेहतन और लगन के साथ उनमें एक बड़े अंतरिक्ष वैज्ञानिक के गुण देखते हुए नासा ने उनको 1998 में अंतरिक्ष अभियान के लिए चुना था। इसके बाद 9 दिसंबर, 2006 को सुनीता को अंतरिक्षयान ‘डिस्कवरी’ से 'अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र' में भेजा गया। इस दौरान सुनीता विलियम्स ने वो कर दिखाया जो शायद कोई महिला कर सके। सुनीता ने 332 दिन अंतरिक्ष में गुजारे हैं। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने 50 घंटे 40 मिनट की अंतरिक्ष में चहल-कदमी भी की थी। इस मामले में उन्होंने दुनिया में अपना एक रिकॉर्ड भी कायम कर दिया था। 22 जून, 2007 को वे पृथ्वी पर वापस आ गईं। इसके बाद 15 जुलाई, 2012 को सुनीता को एक बार फिर बैकोनुर कोस्मोड्रोम से स्पेस में भेजा गया। वे 17 सितंबर, 2012 को एक्सपीडिशन 33 की कमांडर पद पर नियुक्त की गईं। इसके बाद 19 नवंबर को सुनीता धरती पर वापस लौट आयीं।आप भी देखिए स्पेस में कैसे रहते हैं अंतरिक्षयात्री1987 में अमेरिकी नौसेना से जुड़ींसुनीता विलियम्स स्पेस यात्री होने के साथ अमेरिकी नौसेना की कैप्टेन भी रह चुकी हैं। 1987 में वह अमेरिकी नौसेना जुड़ीं थीं, करीब 6 महीने की अस्थायी नियुक्ति के बाद उन्हें बेसिक डाइविंग ऑफिसर बना दिया गया। इसके बाद 1989 में उन्हें नेवल एयर ट्रेनिंग कमांड के लिए भेज दिया गया, जिसके बाद वे 'नेवल एविएटर' पद पर नियुक्त हुईं। इसके बाद जनवरी 1993 में सुनीता ने ‘यू।एस। नेवल टेस्ट पायलट स्कूल’ में प्रक्टिस शुरू की और दिसंबर तक पूरा कोर्स खत्म कर दिया। 1995 में उन्हें यू।एस। नेवल टेस्ट पायलट स्कूल में काम करने का मौका मिला। वहां उन्होंने कई हेलिकॉपटर्स उड़ाए, जिसके बाद 1998 में सुनीता का नासा में सेलेक्शन हो गया।

Posted By: Mukul Kumar